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UPA काल में पट्टे पर विमान लिए जाने में गड़बड़ी का कोई सबूत नहीं : सीबीआई
- Friday March 29, 2024
विशेष अदालत यह फैसला करेगी कि इस रिपोर्ट को स्वीकार किया जाए या एजेंसी को विभिन्न बिंदुओं पर आगे जांच का निर्देश दिया जाए. यह मामला एयर इंडिया द्वारा बड़ी संख्या में विमानों को पट्टे पर लेने में अनियमितताओं के आरोपों से संबंधित है, जिसके कारण राष्ट्रीय विमानन कंपनी को भारी नुकसान हुआ, जबकि कुछ लोगों को फायदा हुआ.
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फ्रांस्वा ओलांद अपने बयान पर कायम, कहा- मोदी सरकार में नए फॉर्मूले के तहत रिलायंस का नाम तय हुआ
- Sunday September 23, 2018
- NDTVKhabar News Desk
Rafale Deal: फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद (François Hollande) ने एनडीटीवी से इस बात की पुष्टि की है कि अनिल अंबानी के रिलायंस समूह को भारत सरकार के कहने पर चुना गया .ओलांद के दफ्तर की तरफ से एनडीटीवी को फ्रांस में दी गई सूचना में साफ किया गया है कि ऑफसेट पार्टनर के तौर पर रिलायंस को लेकर हमारे पास कोई विकल्प नहीं था.
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क्या है राफेल डील और क्यों इसको लेकर भाजपा-कांग्रेस हैं आमने-सामने, 10 बड़ी बातें
- Wednesday September 19, 2018
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारत - फ्रांस के बीच राफेल लड़ाकू विमान के सौदे का मुद्दा जोरशोर से उठाया और सरकार पर करारा हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बारे में देश से झूठ भी बोला है. हालांकि बाद में राहुल गांधी के इस बयान पर हंगामा हुआ. रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने तथ्य पेश किये और थोड़ी देर में ही फ्रांस सरकार ने भी बयान जारी कर अपना पक्ष रखा. फ्रांस ने कहा कि भारत के साथ 2008 में किया गया सुरक्षा समझौता गोपनीय है और दोनों देशों के बीच रक्षा उपकरणों की संचालन क्षमताओं के संबंध में इस गोपनीयता की रक्षा करना कानूनी रूप से बाध्यकारी है. आपको बता दें कि राफेल डील के मुद्दे पर पहले से ही कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी जंग चलती रही है. कांग्रेस लगातार लड़ाकू विमानों की कीमत में बढ़ोतरी और अपारदर्शिता का आरोप लगाती रही है. जबकि भाजपा ने इससे इनकार किया है. आइये आपको बताते हैं कि आखिर क्या है 'राफेल डील' और क्यों छिड़ा है इस पर विवाद.
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क्या है राफेल डील और क्यों इसको लेकर भाजपा-कांग्रेस हैं आमने-सामने, 10 बड़ी बातें
- Wednesday September 19, 2018
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारत - फ्रांस के बीच राफेल लड़ाकू विमान के सौदे का मुद्दा जोरशोर से उठाया और सरकार पर करारा हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बारे में देश से झूठ भी बोला है. हालांकि बाद में राहुल गांधी के इस बयान पर हंगामा हुआ. रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने तथ्य पेश किये और थोड़ी देर में ही फ्रांस सरकार ने भी बयान जारी कर अपना पक्ष रखा. फ्रांस ने कहा कि भारत के साथ 2008 में किया गया सुरक्षा समझौता गोपनीय है और दोनों देशों के बीच रक्षा उपकरणों की संचालन क्षमताओं के संबंध में इस गोपनीयता की रक्षा करना कानूनी रूप से बाध्यकारी है. आपको बता दें कि राफेल डील के मुद्दे पर पहले से ही कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी जंग चलती रही है. कांग्रेस लगातार लड़ाकू विमानों की कीमत में बढ़ोतरी और अपारदर्शिता का आरोप लगाती रही है. जबकि भाजपा ने इससे इनकार किया है. आइये आपको बताते हैं कि आखिर क्या है 'राफेल डील' और क्यों छिड़ा है इस पर विवाद.
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