Blogs | रवीश कुमार |बुधवार मई 24, 2017 10:19 PM IST अरुंधति रॉय का नाम सुनते ही व्हाट्स ऐप पर चलने वाली फेक यूनिवर्सिटी के छात्रों के मन में क्रोध के विविध स्वरूप फूट पड़ते हैं. इसे आम बोलचाल में व्हाट्स ऐप यूनिवर्सिटी कहते हैं जहां झूठ की पढ़ाई होती है और जहां पढ़ने वाला छात्र कसम खाता है कि झूठ के अलावा कभी किसी को सत्य नहीं समझेगा. झूठ ही सत्य है इसके लिए पॉलिटिकल ट्रेनिंग चलती रहती है. इस यूनिवर्सिटी के छात्रों ने भीड़ बनाने में राष्ट्रीय भूमिका अदा की है जिसकी सबसे बड़ी कामयाबी है जहां तहां लोगों को घेरकर मार देना. इन दिनों आप झारखंड के मुख्यमंत्री, पुलिस प्रमुख किसी के बयान सुनिए, लगता है कि वे व्हाट्स ऐप की अफवाहों से खासे परेशान हैं.