मेजर गोगोई ने ही जीप पर फारूक अहमद डार को बिठा दिया तो बहस हुई कि ऐसा क्यों किया. डार तो पत्थर चलाने वालों में नहीं था बल्कि वो उन सात प्रतिशत लोगों में से था जिन्होंने श्रीनगर उपचुनाव में वोट किया था. जिस व्यक्ति का भारतीय लोकतंत्र में यकीन हो, उसका इस्तेमाल लोकतंत्र का विरोध करने वालों के सामने क्यों हों.