
गोकुलधाम सोसाइटी में हंगामा मचा हुआ है. अय्यर अपनी खोई हुई चाबियों की तलाश में परेशान हैं. "पूरा सोसाइटी छान मारा, कहीं नहीं मिला!" तारक, शांत रहने की कोशिश करते हुए, लेकिन साफ घबराए हुए बोलते हैं, "यार, अगर चाबी नहीं मिल रही है, तो सोसाइटी का मेन स्विच कैसे ऑफ होगा? ये तो गंभीर समस्या है!" इस बीच, पोपटलाल कहते हैं, "समझ में नहीं आ रहा है! अब क्या करें? ये तो छोटी-मोटी बात नहीं है!" बापूजी अपनी सदाबहार समझदारी से कहते हैं, "समझने का क्या है? सीधे भिड़े को कॉल करो! ये सब उसी का विभाग है. फटाफट बुलाओ उसे!"
पोपटलाल बिना समय गंवाए भिड़े को फोन लगाते हैं और अपने चिर-परिचित नाटकीय अंदाज में स्थिति की गंभीरता समझाते हैं. लेकिन भिड़े, बजाय तुरंत आने के, शांत और कुछ संदिग्ध अंदाज में जवाब देते हैं, "अरे पोपटलाल, अभी नहीं आ सकता. मैं और माधवी जुहू चौपाटी पर हैं, थोड़ा व्यस्त हैं."पोपटलाल की आंखें हैरानी से फैल जाती हैं. वह रिसीवर को हाथ से ढककर बाकी लोगों से फुसफुसाते हैं, "भिड़े ने आने से मना कर दिया! वो और माधवी जुहू चौपाटी में मज़े घूम रहे हैं." इस रहस्य से पर्दा उठेगा अगले एपिसोड में.
वहीं पिछले एपिसोड में दिखाया गया था कि एक सुस्त रविवार की दोपहर में जेठालाल आराम से झपकी ले रहे थे, तभी उनका फोन बजा. चिढ़ते हुए बोले, "रविवार को फोन करने वालों की तो कुछ सजा होनी चाहिए." लेकिन स्क्रीन पर बबीता जी का नाम देखते ही उनकी खुशी का ठिकाना न रहा. "बबीता जी का फोन? जरूर कुछ ज़रूरी बात होगी."
जैसे ही उन्होंने फोन उठाया, बबीता बोलने लगीं, लेकिन अय्यर ने फोन छीनकर गुस्से में कहा, "तुम्हारे दुकान से लिया जूसर बेकार निकला. बबीता को झटका लगा." "झटका?!" जेठालाल घबराए. "बबीता जी को झटका?! मैं अभी आता हूं."
अय्यर के घर पहुंचकर, जेठालाल ने जूसर की जांच की, जबकि बबीता ने उन्हें आश्वस्त किया कि वह ठीक हैं, लेकिन अय्यर भड़कते हुए बोले, "तुम्हारे प्रोडक्ट्स काफी खराब होते जा रहे हैं."जेठालाल ने सफाई दी, "जूसर टॉप क्वालिटी का है. मैं शिकायत दर्ज करके नया भिजवाता हूं." घर से बाहर निकलते ही जेठालाल की मुलाकात तारक से हुई, जो शिकायत करने लगे, "ये एयर फ्रायर भी झटका दे रहा है. अंजलि समोसे बनाने वाली थी." इससे पहले कि जेठालाल कुछ कहते, डॉ. हाथी, कोमल और पोपटलाल अपने-अपने 'शॉकिंग' अनुभव लेकर वहां पहुंच गए. अय्यर ने तंज कसा, "जेठालाल, तुम खराब सामान बेच रहे हो."जेठालाल हकलाते हुए बोले, "मेरे घर में भी ये प्रोडक्ट्स हैं, और सब सही चल रहे हैं."
ये हंगामा घर तक पहुंचा, जब बापूजी ने चिल्लाकर कहा, "फ्रिज से झटका लगा." घबराए टप्पू ने जेठालाल को फोन किया. घर पहुंचकर, जेठालाल ने सबको इंतजार करते पाया. बापूजी उन्हें रसोई में ले गए और आदेश दिया, "फ्रिज छुओ." हिचकते हुए, जेठालाल ने विरोध किया, लेकिन अय्यर ने शरारत करते हुए उनका हाथ पकड़कर फ्रिज से लगा दिया. "आआआह!" जेठालाल चिल्लाए, जबकि अय्यर ने बिजली बंद कर दी और मुस्कुराए. "ये सब एक साथ झटका क्यों दे रहे हैं?" तारक ने सवाल किया. अय्यर ने अपनी आंखें तरेरीं, "ये जेठालाल की गलती है या कोई और बड़ी समस्या?" हाथ मलते हुए, जेठालाल बड़बड़ाए, "लगता है, यहां कुछ तो गड़बड़ है."
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