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फीफा वर्ल्ड कप के ऑल टाइम फेवरेट स्टार्स

फीफा के टूर्नामेंट इतिहास में 5 ऐसे प्लेयर्स हैं जो फीफा फैन्स के लिए ऑलटाइम फेवरेट स्टार्स रहे हैं.

  • पेले: फीफा के इतिहास पर नज़र डालें तो पेले बेहतरीन खिलाड़ियों में शामिल रहे हैं जिन्हें फुटबॉल को चाहने वालों ने खूब पसंद किया. पेले ने ब्राजील के लिए तीन वर्ल्ड कप जीते.
  • डिएगो माराडोना- मैराडोना ने फीफा प्लेयर के तौर पर 20वीं शताब्दी में पेले के साथ ही शुरुआत की. मैराडोना ने चार विश्व कप में अर्जेंटीना का नेतृत्व किया. मैक्सिको में 1986 का विश्व कप पूरी तरह से अर्जेंटीना के कप्तान डिएगो मैराडोना के नाम रहा. मैराडोना के दम पर अर्जेंटीना दूसरी बार चैंपियन बना.
  • रोनाल्डो- रोनाल्डो फुटबॉल वर्ल्ड टूर्नामेन्ट में बेहतरीन स्कोरर रहे हैं, उनके नाम 15 गोल दर्ज हैं. जब ब्राजील ने 1994 में फीफा वर्ल्ड कप जीता था तो उस वक्त वो यंग प्लेयर के तौर पर टीम में शामिल थे. उन्होनों 1998 और 2002 में ब्राजील को फाइनल तक ले जाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही.
  • जिनेडीन जिडान- फ्रांस के मशहूर खिलाड़ी जिनेडीन जिडान ने साल 1998 में फीफा विश्व कप के दौरान ब्राजील के खिलाफ दो गोल करके अपने देश को पहला विश्व कप दिलाया था. जिसके बाद वो फुटबॉल प्रेमियों के फेवरेट स्टार्स में शामिल हो गए. जिडान फ्रांस के लिए अटैकिंग मिडफिल्डर रहे हैं.
  • जस्ट फॉन्टेन- जस्ट फॉन्टेन के नाम एक फुटबॉल जगह में एक ऐसा रिकॉर्ड है जिसको टूटते देखने की इच्छा कई फुटबॉल प्रेमियों को है. उन्होंने एक ही टूर्नामेंट 13 गोल करने का रिकॉर्ड बनाया था. फॉन्टेन ने 1958 में स्वीडन में इस रिकॉर्ड के लिए 6 मैच खेले.
  • फ्रॉन्जं बैकेनबर- कप्तान के रूप में फ्रेंज बैकेनबर ने 1974 में पश्चिमी जर्मनी को विश्व कप का खिताब दिलाया था. 1990 में टीम को विश्वकप दिलाने वाले कोच भी बने. वो फुटबॉल के महानतम प्लेयर्स की लिस्ट में शामिल हैं.
  • जोहान क्रूफ- जोहान क्रूफ ने कभी वर्ल्डकप नहीं जीता और न ही वो किसी भी टूर्नामेंट में टॉप स्कोरर रहे. इसके साथ ही वो सिर्फ एक टूर्नामेंट के फाइनल तक ही पहुंचे. इसके बावजूद जोहान क्रूफ की फुर्ती, उनका फुटबॉल खेलने के तरीके ने उन्हें महान फुटबॉलर्स की श्रेणी में शामिल कराया. पश्चिमी जर्मनी के 1974 में हुए एक इवेंट के दौरान उन्होंने अपने खेल के दम पर युराग्वे, अर्जेंटीना और ब्राजील को पछाड़ा और अपनी टीम को जर्मनी के खिलाफ फाइनल तक ले गए.
  • यूसेबियो- यूसेबियो के दो दशकीय करियर में वो वक्त सबसे ज्यादा बेशकीमती रहा जब उन्होंने नॉर्थ कोरिया के खिलाफ 1966 में इंग्लैंड में हुए वर्ल्डकप के क्वार्टर फाइनल में शानदार वापसी की. पुर्तगाल के 3-0 से पिछड़ने के बाद यूसेबियो ने 30 मिनट में 4 गोल करके फुटबॉल प्रोमियों को चौंका दिया. ब्लैक पैंथर के नाम से मशहूर इयूसेबियो मोजांबिक एक गरीब परिवार से थे, लेकिन प्रतिभा बहुत थी. उन्होंने अकेले के दम पर पुर्तगाल को वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पहुंचाया.
  • लेव यासीन- लेव यासीन इकलौते गोलकीपर थे जिन्हें यूरोपीयन फुटबॉलर ऑफ द ईयर का खिताब मिला. इनके शानदार प्रदर्शन की वजह से सोवियत यूनियन 1966 में दुनिया की नंबर 4 टीम बनने में कामयाब हुआ. फुटबॉल के साथ-साथ उन्होंने अपना हुनर आइस हॉकी में भी दिखाया और अपनी टीम डायनमो मॉस्को को सोवियत कप जितवाया.
  • जियुसेप मेज़ा- जियुसेप मेज़ा दो बार विश्व चैंपियन रहे हैं, इसके साथ ही वो इटली के तीन बार चैंपियन बने. मेज़ा ने दो वर्ल्ड कप खेले और दोनों में ही इटली को जीत दिलाई. मेज़ा जब महज 24 साल के थे उन वक्त इटली ने 1934 में फुटबॉल विश्वकप होस्ट किया था. मेज्जा बेहद फुर्तीले और शानदार स्ट्राइकर रहे.
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