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NDTV वर्ल्ड समिट : प्रणव और जीत अदाणी ने पीएम मोदी से की मुलाकात- देखें तस्वीरें

एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2024 का सोमवार को आगाज हुआ. इसमें प्रणव अदाणी और जीत अदाणी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भूटान के पीएम शेरिंग तोबगे से मुलाकात की.

  • NDTV वर्ल्ड समिट के दौरान अदाणी समूह की ओर से मैनेजिंग डायरेक्टर (एग्रो, ऑयल एंड गैस) तथा अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के डायरेक्टर प्रणव अदाणी, और ग्रुप के डायरेक्‍टर जीत अदाणी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की.
  • इस समिट में कई विषयों पर बातचीत हो रही है, जिसमें तकनीकी विकास, सामाजिक सुधार और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे शामिल हैं. ये भारत के भविष्य के दृष्टिकोण को समझने का एक महत्वपूर्ण अवसर है.
  • एनडीटीवी वर्ल्ड का लक्ष्य वैश्विक मंच पर एशिया और भारत की अग्रणी आवाज बनना है. भारत की स्थिति एक जिम्मेदार वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रही है, खासकर जब यूरोप और पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ रहे हैं.
  • NDTV वर्ल्ड समिट ना केवल भारत की कूटनीतिक क्षमता को प्रदर्शित करेगा, बल्कि ये भी दिखाएगा कि कैसे भारत अंतरराष्ट्रीय सहयोग, सुरक्षा और विकास के लिए एक सक्रिय भूमिका निभा रहा है. ऐसी चर्चाओं से वैश्विक स्थिरता में योगदान करने की भारत की प्रतिबद्धता और बढ़ेगी.
  • प्रणव अदाणी और जीत अदाणी ने भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे सहित कई लोगों से मुलाकात की.
  • वहीं भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने समिट में एक राज भी खोला कि उनका जन्‍म भारत में हुआ था. पीएम तोबगे ने बताया, "मेरे साथी भी इस बात को नहीं जानते हैं कि मेरा जन्‍म भारत में हुआ था. 1965 में मेरा जन्‍म भारत के कैलेपोंग में हुआ था. मेरे पैरेंट्स यहां पोस्‍टेड थे और इसी दौरान मेरा जन्‍म हुआ. मेरी केजी से 10वीं तक की पढ़ाई भारत में ही हुई थी. मैंने 11 साल तक भारत में पढ़ाई की थी.
  • इस मौके पर 'एनडीटीवी वर्ल्ड' चैनल भी लॉन्च किया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले 10 साल में बहुत सारे काम किए हैं, लेकिन ये आराम का वक्त नहीं है. देश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए अभी बहुत काम करना बाकी है.
  • पीएम मोदी ने कहा, "आज भारत दुनिया के सबसे युवा देश में एक है. इस युवा शक्ति की पूरी क्षमता का इस्तेमाल करते हुए आसमान की ऊंचाइयों को छुआ जा सकता है. इस ऊंचाई को छूने के लिए हमें बहुत तेजी से बहुत सारा काम करने की जरूरत है."
  • प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को 2047 तक विकसित बनाने का हमारा लक्ष्य है. इसलिए सफलता का मापदंड सिर्फ ये नहीं है कि हमने क्या पाया. अब हमारा आगे क्या लक्ष्य है, हमें कहां पहुंचना है. हम उस ओर देख रहे हैं. 2047 तक विकसित भारत का संकल्प भी इसी सोच को दिखाता है.
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