अलविदा MiG 21: 62 साल के योद्धा की विदाई की तस्वीरें देखिए
छह दशकों से भी अधिक समय से भारतीय वायुसेना के लड़ाकू बेड़े की ताकत रहे लड़ाकू विमान मिकोयान-गुरेविच मिग-21 ने शुक्रवार को आखिरी बार भारतीय आकाश में उड़ान भरी. इसकी विदाई इतिहास और अनेक स्मृतियों में दर्ज हो गई, देखिए इस योद्धा की विदाई की तस्वीरें...
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1965 और 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को सबक सिखाने वाले मिग-21 लड़ाकू विमान 62 साल की सेवा देने के बाद इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गए. शुक्रवार को वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने चंडीगढ़ एयरबेस के लिए मिग-21 की अंतिम उड़ान भरी. अब देश में बना हल्का लड़ाकू विमान तेजस, मिग-21 की जगह लेने के लिए तैयार है.
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देश के पहले सुपरसोनिक लड़ाकू और इंटरसेप्टर विमान को चंडीगढ़ में सेवामुक्त कर दिया गया, जहां इसे पहली बार शामिल किया गया था. इस मौके पर भारतीय वायुसेना की विशिष्ट स्काईडाइविंग टीम ‘आकाश गंगा' ने 8,000 फुट की ऊंचाई से ‘स्काईडाइविंग' का शानदार प्रदर्शन किया.
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विंग कमांडर दिलबाग सिंह ने पहले मिग-21 स्क्वाड्रन, संख्या 28 का नेतृत्व किया था. इसे 'फर्स्ट सुपरसोनिक्स' स्क्वाड्रन संख्या 28 नाम दिया गया था. इसकी स्थापना 2 मार्च, 1963 को चंडीगढ़ में हुई थी. बाद में दिलबाग सिंह एयर चीफ मार्शल और चीफ ऑफ एयर स्टाफ भी बने.
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स्क्वाड्रन संख्या 23 से संबंधित और 'पैंथर्स' उपनाम से जाने जाने वाले अंतिम मिग-21 जेट को चंडीगढ़ वायुसेना स्टेशन पर आयोजित समारोह में विदाई दी गई. प्रतीकात्मक विदाई के तहत, भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने 18-19 अगस्त को नाल एयर बेस से मिग-21 की एकल उड़ानें भरीं, जो वायुसेना और 62 वर्षों तक वायुसेना की सेवा करने वाले रूसी मूल के इस लड़ाकू जेट पर प्रशिक्षित पायलटों की पीढ़ियों के लिए एक भावुक क्षण था.
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इस मौके पर सूरज चमक रहा था, आसमान साफ़ और चमकदार नीला था, जो 1960 के दशक में भारतीय वायुसेना में शामिल किए गए रूसी मूल के युद्धक विमान को भव्य विदाई देने के लिए एक आदर्श नजारा था. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मिग-21 को एक शक्तिशाली विमान और राष्ट्रीय गौरव बताते हुए कहा कि इस विमान के प्रति गहरा लगाव है, जिसने हमारे आत्मविश्वास को आकार दिया है.
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मिग-21 की विदाई के दौरान भारतीय वायुसेना की विशिष्ट स्काईडाइविंग टीम ‘आकाश गंगा' द्वारा शानदार प्रदर्शन किया गया, जिन्होंने 8,000 फुट की ऊंचाई से ‘स्काईडाइव' की. इसके बाद मिग-21 विमानों की शानदार फ्लाईपास्ट शुरू हुई. सूर्य किरण एरोबैटिक टीम ने भी अपने अद्भुत करतबों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.