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PICS : महाकुंभ में उमड़ा आस्था का जनसैलाब, पहले दिन ही 60 लाख से ज्यादा लोगों ने लगाई डुबकी

दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन आज प्रयागराज में शुरू हो गया है. सनातन आस्था के महापर्व महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) के पहले दिन ही 60 लाख से अधिक लोगों ने गंगा स्नान किया.

  • महाकुंभ आज से शुरू हो गया है और लगभग 45 दिनों तक चलने वाले इस आयोजन को लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है.
  • केवल देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी कई श्रद्धालु महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंच रहे हैं.
  • महाकुंभ में पहले दिन ही अमृत स्नान के मौके पर 60 लाख से अधिक लोगों ने गंगा स्नान किया.
  • इसके साथ ही लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगम तट पर महाकुंभ की प्राचीन परंपरा कल्पवास का भी निर्वहन करेंगे.
  • पौराणिक मान्यता के अनुसार श्रद्धालु एक माह तक नियमपूर्वक संगम तट पर कल्पवास करेंगे.
  • शास्त्रीय मान्यता के अनुसार कल्पवास, पौष पूर्णिमा की से शुरू होकर माघ पूर्णिमा तक पूरे एक माह तक किया जाता है.
  • महाकुंभ की विशेष परंपरा कल्पवास का निर्वहन करने के लिए प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सीएम योगी की प्रेरणा से सभी जरूरी इंतजाम किए हैं.
  • सभी कल्पवासियों के टेंटों के लिए बिजली, पानी के कनेक्शन के साथ शौचालयों का निर्माण कराया गया है.
  • संगम (गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों) के आसपास होने वाले 45 दिवसीय इस महा आयोजन में 35 करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है.
  • बता दें कि इस आयोजन में स्नान की छह महत्वपूर्ण तिथियां हैं.
  • इन तिथियों पर अधिक से अधिक लोग अमृत स्नान के लिए महाकुंभ में पहुंचेंगे.
  • महाकुंभ के लिए सरकार द्वारा विशेष आयोजन किए गए हैं. साथ ही श्रद्धालुओं की सुविधाओं का भी पूरा ध्यान रखा गया है.
  • इस बार सरकार ने महाकुंभ के लिए सात हजार करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया था और उसी के मुताबिक सभी सुविधाएं भी की गई हैं.
  • महाकुंभ के मद्देनजर 55 से अधिक थाने बनाए गए हैं और लगभग 45,000 पुलिसकर्मियों की महाकुंभ में ड्यूटी लगाई गई है.
  • महाकुंभ नगर भारत ही नहीं, विश्व की आस्था का केंद्र बन गया है. यहां देश के विभिन्न राज्यों के साथ ही अमेरिका, रूस, जर्मनी, इटली, इक्वाडोर समेत तमाम देशों के लोग सनातन संस्कृति से अभिभूत नजर आए। सभी ने संगम में डुबकी लगाई और माथे पर तिलक लगाकर संगम की रेती पर निकल पड़े.
  • विभिन्न देशों से आए श्रद्धालु भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और गंगा के महत्व को समझने और अनुभव करने के लिए उमड़ पड़े. यह आयोजन न केवल भारतीय परंपराओं का प्रतीक है, बल्कि विश्व एकता और आध्यात्मिकता का संगम भी है.
  • महाकुंभ का संगम घाट इस बार दुनिया के लिए बड़ा आकर्षण का केंद्र बन गया है. देश के साथ ही विदेशी श्रद्धालुओं ने भी इसे आध्यात्मिक अनुभव का केंद्र बताया है.
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