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बिखरी चप्‍पलें, छूटा सामान... हाथरस हादसे की दर्दनाक तस्‍वीरें...

हाथरस हादसा : उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को दर्दनाक घटना हुई. सत्संग के दौरान मची भगदड़ में अब तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है. भगदड़ के डरावने मंजर को देख लोगों की रूह कांप गई. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घायलों से मुलाकात कर अधिकारियों को जांच के आदेश दिए हैं. वहीं इस पर अब राजनीति भी तेज हो गई है. यूपी के हाथरस में भीषण भगदड़ हादसे के बाद से 'साकार विश्व हरि भोले बाबा' लापता हैं.

  • हाथरस में सत्संग के दौरान लगभग 2 लाख लोग इकट्ठा हुए थे. जैसे ही कार्यक्रम खत्म हुआ, भीड़ एक साथ बाहर निकली और पार्किंग की तरफ दौड़ी, जिसकी वजह से वहां भगदड़ मच गई. लोग एक-दूसरे के ऊपर चढ़ गए, गिरे हुए लोगों को भीड़ रौंदते हुए आगे निकल गई. इस कारण 121 लोगों ने अपनी जान गंवा दी, जिसमें महिलाओं की संख्या अधिक हैं.
  • सत्संग के मुख्य प्रवचनकर्ता सूरजपाल उर्फ ‘भोले बाबा' के प्रवचन के बाद जब वह अपनी गाड़ी में सवार होकर आयोजन स्थल से निकल रहे थे तभी अनुयायियों ने उनकी गाड़ी के मार्ग से धूल समेटना शुरू कर दिया जिससे भगदड़ मच गई.
  • उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस में एक सत्संग में हुई भगदड़ की घटना की न्यायिक जांच कराने का निर्णय लिया है. उन्होंने घटना में साजिश की तरफ इशारा करते हुए कहा, "यह हादसा था या कोई साजिश और अगर साजिश थी तो इसमें किसका हाथ है...इन सभी पहलुओं को जानने के लिए हम न्यायिक जांच भी कराएंगे जो उच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश की अध्यक्षता में की जाएगी."
  • हाथरस जिले में भगदड़ के दौरान अधिकांश लोगों की मौत दम घुटने के कारण हुई. पोस्टमार्टम के लिए पड़ोसी जिले एटा में भेजे गए शवों की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है. एक वरिष्ठ चिकित्सक ने यह जानकारी दी.
  • ‘हमने कभी नहीं सोचा था कि ऐसी घटना होगी...'' यह कहना था हाथरस के सिकंदराराऊ में सत्संग में हुई भगदड़ के दौरान मारे गये तीन साल के बच्चे के पिता का. सत्येंद्र यादव (29) दिल्ली में वाहन चालक के रूप में काम करते हैं और मंगलवार सुबह अपने परिवार के सदस्यों के साथ ‘सत्संग' में भाग लेने के लिए यहां पहुंचे थे.
  • साकार विश्व हरि भोले बाबा को पहले सौरभ कुमार के नाम से जाना जाता था. पहले वह उत्तर प्रदेश पुलिस के खुफिया विभाग में कार्यरत थे. उन्होंने 17 साल की सेवा के बाद अपनी नौकरी छोड़ दी और एक प्रचारक के रूप में आध्यात्मिक यात्रा पर निकल पड़े. वह अपनी पत्नी के साथ सत्संग कार्यक्रम आयोजित करते हैं. उन्हें 'पटियाली के साकार विश्व हरि बाबा' के नाम से भी जाना जाता है.
  • भोले बाबा के एक भक्त के अनुसार, भोले बाबा का कोई धार्मिक गुरु नहीं था. सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के तुरंत बाद उन्हें देवता के 'दर्शन' हुए. तब से ही उनका झुकाव आध्यात्मिक गतिविधियों की ओर हो गया.
  • बाबा के अनुयायी उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी हैं. हालांकि, बाबा और उनके अनुयायी मीडिया और सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रखते हैं. फिर भी उनके बड़ी संख्या में अनुयायी हैं, जो खुद को 'बाबा की सेना' कहते हैं.
  • भोले बाबा कोविड महामारी के दौरान विवादों में तब आए जब उन्होंने मई 2022 में फर्रुखाबाद जिले में सत्संग के लिए इजाजत मांगी. इसमें केवल 50 लोग शामिल हो सकते थे. हालांकि, इसमें लोगों की संख्या 50 हजार से ज्यादा हो गई थी, जिससे स्थानीय प्रशासन के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो गई थी.
  • भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 105, 110, 126(2), 223 और 238 के तहत 'मुख्य सेवादार' कहे जाने वाले वेद प्रकाश मधुकर और इस धार्मिक कार्यक्रम के अन्य आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
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