Aamir Khan @52: तस्वीरों में देखें उनके कयामत से दंगल तक का सफर
बॉलीवुड के सुपरस्टार आमिर खान मंगलवार को अपना 52वां जन्मदिन मना रहे हैं. वह संभवतः इकलौते ऐसे अभिनेता हैं जिन्होंने खुद को साल में एक फिल्म करने के नियम में बांध कर रखा है. लेकिन उनकी हर फिल्म इतनी कमाल होती है कि सालभर का इंतजार अखरता नहीं है. आमिर खान की आखिरी फिल्म दंगल थी जिसने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए और करीब 400 करोड़ की कमाई के साथ बॉलीवुड की अब तक की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई. उनके 52वें जन्मदिन पर आईए तस्वीरों में देखते हैं उनका अब तक का फिल्मी सफरः
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आमिर खान के पिता ताहिर हुसैन फिल्म प्रोड्यूसर थे, उनके अंकल नासिर हुसैन प्रसिद्ध प्रोड्यूसर, निर्देशक और अभिनेता था. उनके एक और अंकल तारिक ने यादों की बारात और हम किसी से कम नहीं में काम किया है. आमिर के कजिन मंसूर खान ने फिल्म कयामत से कयामत तक से निर्देशन में कदम रखा और इसी फिल्म में आमिर खान को रातों रात फिल्म इंडस्ट्री का सितारा बना दिया. आमिर खान आजादी के नायक मौलाना अबुल कलाम आजाद के वंशज हैं.
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आमिर खान ने आठ साल की उम्र में अभिनय करना शुरू कर दिया था. उनकी पहली फिल्म नासिर हुसैन की यादों की बारात (1973) थी. इसके अगले साल आमिर ने अपने पिता की फिल्म मदहोश में एक छोटा सा किरदार निभाया था. इसके 11 साल बाद आमिर ने केतन मेहता की फिल्म होली से वयस्क अभिनेता के तौर पर बॉलीवुड में डेब्यू किया.
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साल 1988 की फिल्म कयामत से कयामत तक ने आमिर खान को सितारा बना दिया. इस फिल्म में जूही चावला उनके अपोजिट नजर आई थीं. यह फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई और आमिर टीन आइडल के रूप में स्थापित हुए थे. फिल्म का गाना पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा... उस जमाने में यूथ एंथम बन गया और यह आज के युवाओं में भी उतना ही पॉपुलर है.
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साल 1992 में आमिर खान मंसूर खान की फिल्म जो जीता वही सिकंदर में काम किया, यह स्कूल ड्रामा फिल्म आज भी काफी पसंद की जाती है. इसके अगले साल आमिर ने अपनी कयामत से कयामत तक की को-स्टार जूही के साथ फिल्म हम हैं राही प्यार के में काम किया. इस फिल्म के गाने आज भी काफी पॉपुलर हैं.
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इसी साल आमिर खान ने राम गोपाल वर्मा की फिल्म रंगीला में एक टपोरी की भूमिका निभाई, जिसके लिए उन्होंने काफी तारीफें बटोरी थीं. फिल्म में उर्मिला मातोंडकर और जैकी श्रॉफ प्रमुख भूमिकाओं में नजर आए थे. इस फिल्म में बेहतरीन अभिनय के बावजूद उस साल का बेस्ट एक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे के लिए शाहरुख खान को दिया गया. इसके बाद ही आमिर खान ने फिल्म समारोहों में शामिल नहीं होने का फैसला किया था.
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इसके बाद आमिर खान ने एक के बाद एक कई सफल फिल्में दी. साल 1996 में फिल्म राजा हिंदुस्तानी के लिए आमिर खान को फिल्मफेयर अवॉर्ड दिया गया लेकिन वह अवॉर्ड लेने के लिए समारोह में शामिल नहीं हुए. इसके बाद साल 1997 में जूही चावला, अजय देवगन और काजोल के साथ वह इश्क में नजर आए. साल 1998 में वह रानी मुखर्जी के साथ फिल्म गुलाम में नजर आए.
साल 1999 में नसीरुद्दीन शाह और सोनाली बेंद्रे के साथ आई आमिर की सरफरोश ने उन्हें एक बेहतरीन अभिनेता के रूप में स्थापित किया. -
साल 2001 आमिर के अभिनय करियर के महत्वपूर्ण सालों में से एक रहा. इस साल उन्होंने फिल्म लगान से फिल्म निर्माण में भी कदम रखा. यह बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज कैटिगिरी में ऑस्कर के लिए नॉमिनेट होने वाली तीसरी हिंदी फिल्म बनी. इस फिल्म को सात नेशनल अवॉर्ड मिले. वहीं, आमिर खान को बेस्ट अभिनेता का दूसरा फिल्मफेयर अवॉर्ड इस फिल्म के लिए मिला.
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लगान एक मुश्किल फिल्म थी, लेकिन इसी साल आमिर ने दिल चाहता है से अपने अभिनय का दूसरा बेहतरीन पहलू दुनिया के सामने रखा. इस फिल्म से फरहान अख्तर ने निर्देशक और लेखक के तौर पर डेब्यू किया था. इसके बाद आमिर ने चार साल का ब्रेक लिया और साल 2005 में मंगल पांडः द राइजिंग से वापसी की. यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन करने में सफल नहीं हो पाई.
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साल 2006 आमिर खान की सुपरहिट फिल्म रंग दे बसंती आई जिसने सफलता के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे. इस फिल्म के लिए आमिर को बेस्ट एक्टर का फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवॉर्ड दिया गया. इस फिल्म को ऑस्कर के लिए भारत की आधिकारिक एंट्री के तौर पर भेजा गया पर फिल्म नॉमिनेट नहीं की गई. फिल्म को बाफ्टा अवॉर्ड्स में बेस्ट फॉरेन फिल्म कैटिगिरी में नॉमिनेट किया गया था. इसी साल आमिर ने फना के रूप में एक और सफल फिल्म दी. इस फिल्म से काजोल ने एक्टिंग में कमबैक किया था.
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आमिर खान के छोटे भाई फैसल ने भी बॉलीवुड मे अपनी किस्मत आजमाई लेकिन वह सफल नहीं हो पाए. उन्हें उनके पिता ताहिर हुसैन ने साल 1994 की फ्लॉप फिल्म मदहोश से लॉन्च किया. छह साल बाद साल 2000 में फैसल आमिर खान की फिल्म मेला में नजर आए. यह फिल्म भी फ्लॉप रही. इसके बाद अभिनेता के तौर पर फैसल का करियर बी-ग्रेड बॉलीवुड फिल्मों और टीवी किरदारों तक सिमट कर रह गया. अपने भाई से आमिर खान के करीबी रिश्तों में तब उथल-पुथल मच गई जब फैसल ने उन पर आरोप लगाया कि वह उनकी इच्छा के विरुद्ध काम कर रहे हैं. खबरों के मुताबिक फैसल सिजोफ्रेनिया से पीड़ित हैं. हालांकि, खबरें हैं कि साल 2010 में उनके पिता ताहिर हुसैन की मौत के बाद दोनों के रिश्तों में सुधार हो गया है.
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साल 2010 में आमिर खान ने फिल्म पीपली लाइव का प्रोडक्शन किया था. किसान आत्महत्या पर आधारित इस फिल्म को आलोचकों द्वारा काफी सराहना मिली थी. साल 2010 में आमिर खान ने अपनी पत्नी किरण राव की फिल्म धोबीघाट का निर्माण किया जिसमें उन्होंने खुद भी काम किया था. वहीं इमरान खान की फिल्म डेल्ही बेली में आमिर ने कैमियो अपीयरेंस दिया था.
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साल 2014 में आमिर खान के मेगा-ब्लॉकबस्टर फिल्म पीके आई जिसमें वह धरती पर खोए एक एलियन की भूमिका में नजर आए. फिल्म के जरिए उन्होंने धर्म के ठेकेदारों के पाखंड और अंधविश्वास को दुनिया के सामने रखने की कोशिश की. फिल्म की कई धार्मिक संगठनों ने आलोचना की, वहीं आमिर ने कहा कि फिल्म का मकसद किसी की धार्मिक भावना को तकलीफ पहुंचाने का नहीं था.
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साल 2012 में आमिर खान ने अपने शो सत्यमेव जयते से टीवी पर कदम रखा, इस कार्यक्रम के जरिए आमिर ने भारतीय समाज की सोच से जुड़ी समस्याओं और मुद्दों को उठाया और दुनिया के सामने रखा. अब तक इस शो के तीन सीजनों का प्रसारण हो चुका है जिसमें भ्रूण हत्या, महिलाओं और बच्चों के शारीरिक शोषण, पानी की समस्या, सामाजिक असमानता जैसे मुद्दों को उठाया गया. फोटो-
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आमिर खान की आखिरी फिल्म साल 2016 में आई नितेश तिवारी के निर्देशन में बनी दंगल थी. पहलवान महावीर सिंह फोगाट और उनकी पहलवान बेटियों गीता और बबीता फोगाट के संघर्ष पर आधारित इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. फिल्म के लिए आमिर को बेस्ट एक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड दिया गया.