भारत-अमेरिका की इस ‘गलती' से 80 सेंटीमीटर पूर्व में झुकी पृथ्वी! क्या है मामला? जानें
इंसान ने अपनी जरूरत के लिए जिस तेजी से जमीन से पानी को निकाला है, उससे पृथ्वी प्रभावित हुई है।
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हमारी जरूरत ने पृथ्वी को झुका दिया है! यकीन करना मुश्किल होगा, लेकिन यही सच है। बीते वर्षों में इंसान ने अपनी जरूरत के लिए जिस तेजी से जमीन से पानी को निकाला है, उससे पृथ्वी प्रभावित हुई है। इंटरनेशनल रिसर्चर्स के एक ग्रुप ने पाया है कि इंसानों द्वारा ग्राउंडवॉटर की बेतहाशा पंपिंग से हमारी पृथ्वी दो दशकों से भी कम वक्त में 4.36 सेंटीमीटर/प्रतिवर्ष की स्पीड से लगभग 80 सेंटीमीटर पूर्व की ओर झुक गई है।
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जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स में पब्लिश इस स्टडी में बताया गया है कि ग्राउंड वॉटर का सबसे ज्यादा दोहन अमेरिका के पश्चिमी इलाके और उत्तर-पश्चिमी भारत में हुआ है। यहां ना सिर्फ जमीन से पानी को निकाला गया है, बल्कि रिडिस्ट्रिब्यूट किया गया है। इससे पृथ्वी के रोटेशनल पोल के बहाव पर असर हुआ है।
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दुनियाभर में जिस तेजी से ग्राउंडवॉटर का इस्तेमाल बढ़ा है, उससे पता चलता है कि तालाबों और झीलों को पुनर्जीवित करने में कोई भी पक्ष दिलचस्पी नहीं दिखा रहा। शहरों में तो पोखरों को पाटकर वहां कॉलोनियां बसा दी गई हैं। बारिश के पानी को सहेजने का काम भी बड़े पैमाने पर नहीं हो रहा, जिससे भूजल का स्तर लगातार कम हो रहा है।
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इस रिसर्च ने भविष्य के लिए नए दरवाजे खोले हैं। आने वाले वर्षों में वैज्ञानिकों के लिए यह समझना और आसान होगा कि भूजल के दोहन के कारण पृथ्वी किस तरह से रिएक्ट कर रही है। अभी तक पृथ्वी के 80 सेंटीमीटर पूर्व की ओर झुकने का पता चला है, क्या यह झुकाव भविष्य में बढ़ सकता है? ऐसे कई सवालों के जवाब आने वाले वक्त में सामने आ सकते हैं। तस्वीरें-Unsplash से।