500 साल बाद अयोध्या की दिवाली, नई रोशनी वाली : 28 लाख दीयों से जगमगाई रामनगरी
22 जनवरी 2024 को रामलला 500 वर्ष बाद अपने दिव्य-भव्य मंदिर में विराजमान हुए. इसके बाद बुधवार को पहला दीपोत्सव हुआ, जब रामलला स्वयं के महल में विराजमान होकर अपनी नगरी को अपलक निहारते रहे.
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पर्यटन विभाग द्वारा सजाई गई झांकियों में तुलसीदास रचित रामचरितमानस के सात अध्यायों- बालकांड, अयोध्या कांड, अरण्य कांड, किष्किंधा कांड, सुंदर कांड, लंका कांड और उत्तर कांड पर आधारित सुंदर दृश्य प्रस्तुत किए गए हैं, जो श्रद्धालुओं को रामायण के विभिन्न प्रसंगों का सार समझाने में सहायक हैं.