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प्‍याज के आंसू ‘रो' रहा है ब्रिटेन, पिछले साल पड़ी भीषण गर्मी का नतीजा, जानें पूरा मामला

साल 2022 में ब्रिटेन में जो भीषण गर्मी पड़ी, उसकी वजह से वहां प्‍याज की फसल का जो उत्‍पादन हुआ है, वह आंसू लाने के लिए बहुत ‘ताकतवर' है। इस मामले को विस्‍तार से जानते हैं।

  • क्‍या आपने कभी प्‍याज काटा है? काटा है तो आंसू भी निकले होंगे। आपको जानकर हैरानी होगी कि प्‍याज में मौजूद जो तत्‍व इंसान के आंसू निकालता है, वह तत्‍व ही प्‍याज को चूहों और अन्‍य कीड़ों से भी बचाता है। और अब यह पता चला है कि साल 2022 में ब्रिटेन में जो भीषण गर्मी पड़ी, उसकी वजह से वहां प्‍याज की फसल का जो उत्‍पादन हुआ है, वह आंसू लाने के लिए बहुत ‘ताकतवर' है। इस मामले को विस्‍तार से जानते हैं।
  • ब्रिटेन समेत यूरोप के ज्‍यादातर देशों ने बीते साल यानी 2022 में भीषण गर्मी का प्रकोप झेला। अगस्त के आखिर और सितंबर की शुरुआत में हीटवेव के कारण बुरे हालात हो गए थे। कई शहरों में तापमान 40 डिग्री के पार पहुंच गया था। सड़कों में लगी कोलतार तक पिघलने की रिपोर्टें सामने आई थीं।
  • डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन में पड़ी भीषण गर्मी के कारण वहां विशेष रूप से आंसू लाने वाली स्‍ट्रॉन्‍ग प्‍याज की फसल का उत्‍पादन हुआ है। रिपोर्टों के अनुसार, प्याज में एक रक्षा तंत्र होता है, जो प्‍याज की फसल को चूहों या अन्‍य कीड़ों से होने वाले नुकसान से बचाता है। अगर चूहे या कीड़े प्‍याज की फसल को नुकसान पहुंचाते हैं, तो उससे सिनप्रोपेनेथियल-एस-ऑक्साइड (syn propanethial-S-oxide) नाम के सल्‍फ्यूरिक कंपाउंड रिलीज होते हैं। इसके बाद चूहे, प्‍याज के करीब नहीं आते।
  • इसी सिनप्रोपेनेथियल-एस-ऑक्साइड की वजह से इंसानों की आंखों में आंसू आते हैं, जब वह प्‍याज काट रहे होते हैं। यह कंपाउंड इंसान की लैक्रिमल ग्रंथियों (lacrimal glands) को सिम्‍युलेट करता है। एक्‍सपर्ट का मानना है कि प्‍याज की फसल अब कम पानी में भी हो रही हैं यानी प्‍याज में भी सामान्‍य से कम पानी होता है, जिस वजह से ज्‍यादा पावरफुल कंपाउंड्स बनते हैं।
  • ब्रिटेन में प्‍याज की फसल को लेकर मिली इस जानकारी पर एक एक्‍सपर्ट ने कहा कि उन्‍होंने यह जानकारी अपने प्रयोगों से जुटाई है और यह अनुमानित है। हालांकि एक्‍सपर्ट ने उम्‍मीद जताई कि उनकी जानकारी सही होगी। उनका मानना है कि प्‍याज की फसल में ये बदलाव ब्रिटेन में सूखे दिन ज्‍यादा होने, आसमान बहुत साफ होने और तेज गर्मी के कारण आए हैं। विशेषज्ञ ने यह उम्‍मीद भी जताई कि जब प्‍याज की अगली फसल होगी, उसमें यह तीखापन नहीं होगा।
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