ताड़ासन: अगर लम्बा होना है तो
इस आसन में हम किसी पर्वत की तरह खड़े होते हैं। इस आसन को पर्वत मुद्रा आसन भी कहते हैं। इस आसन से दिमाग और ध्यान बढ़ता है। यह सभी अन्य आसनों के लिए शुरुआती आसन है। ताड़ासन करने से लंबाई बढ़ती है, तो अगर आप अपनी या अपने बढ़ती उम्र के बच्चों की लंबाई बढ़ाना चाहते हैं तो योगा के समय इस आसन को जरूर शामिल करें।
वृक्षासन: पतली कमर की है इच्छा
यह आसन आपके संतुलन को बेहतर करता है और पैरों व पीठ के लिए फायदेमंद है। यह किसी पेड़ की आकृति जैसा है। अपना दायां पैर उठाएं और बायीं जांघ पर रखें। पैर का तलवा सीधा होना चाहिए। अपना बायां पैर सीधा रखें और संतुलन बनाएं। सांस अंदर लेते हुए अपने हाथ सिर के ऊपर ले जाएं और दोनों हथेलियों को मिलाएं। ध्यान रहे कि आपकी रीढ़ सीधी हो। अब कुछ गहरी सांसें लें। सांस छोड़ते हुए हाथ नीचे लाएं और दायां पैर नीचे करें। अब यही दूसरे पैर से करें। यह आसन करने से कमर की चर्बी कम होती है।
अधोमुख आसन: बालों की बढ़ाएं चमक
इस आसन से घुटने के पीछे की नस, छाती में खिंचाव आता है और रीढ़ लंबी होती है जिससे दिमाग तक रक्त प्रवाह बढ़ता है। यह आसन आपको ऊर्जावान बनाता है। अपनी एड़ियों पर बैठ जाएं, अपने हाथ मैट पर आगे फैलाएं और सिर नीचे करें। अपने हाथों से जमीन को धक्का देते हुए अपने कूल्हों को ऊपर उठाएं। एड़ियों को नीचे दबाएं, सिर को खुला छोड़ दें और कमर को कसें। इस आसन से सिर की रक्त संचार की प्रक्रिया को अच्छी तरह से होने में मदद मिलती है। जिससे बालों से जुड़ी समस्याओं से भी निजात मिल सकती है।
त्रिकोणासन: कमर को बनाएं आकर्षक
अपने पैरों के बीच कुछ दूरी बना कर खड़े हों। दायें पैर को दूर ले जाकर पैरों रे बीच और जगह बनाएं। दोनों पैर जमीन पर जमाएं रखें और संतुलन बनाएं। सांस अंदर लें। सांस बाहर निकालते हुए अपने दायें हाथ को नीचे लाएं और जमीन को छूने की कोशिश करें। बायां हाथ ऊपर की ओर जाएगा। अपनी कमर सीधी रखें। ध्यान रखें कि आपका शरीर आगे या पीछे नहीं बल्कि साइड की ओर मुड़ा हो। लंबी-गहरी सांसे लें और जितना संभव हो सके शरीर को खींचे। ऐसा ही दूसरी तरफ से भी करें।
कुर्सीआसन: शरीर को दे मजबूती
यह आसन पैरों और हाथों की पेशियों को मजबूत करता है। यह आपकी इच्छाशक्ति बढ़ाता है और शरीर व दिमाग को ऊर्जावान बनाता है। पैरों के बीच थोड़ी दूरी बनाकर सीधे खड़े हों। हाथों को आगे की ओर खीचें लेकिन कोहनी न मोड़ें। सांस अंदर लें और अपने घुटनों को ऐसे मोड़ें जैसे आप किसी कुर्सी पर बैठे हों। अपने हाथ जमीन से समानांतर और पीठ सीधी रखें। गहरी सांसें लें। नीचे झुकते वक्त ध्यान रखें कि आपके घुटने आपके पैर की अंगुलियों से आगे न जाएं।
नौकासन: पाचन क्रिया बनाए मजबूत
यह आपकी पेट की पेशियों को कसता है और कंधों व पीठ के ऊपरी भाग को मजबूत करता है। इससे शरीर में स्थिरता आती है। पैरों को एक साथ रखें व हाथों को साइड में रखकर पीठ के बल लेट जाएं। गहरी सांस लें और सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे अपनी छाती और पैर जमीन से ऊपर उठाएं। अपने हाथ अपने पैरों की दिशा में उठाएं। आपकी आंखें, हाथ व पैरों की अंगुलियां एक सीध में होनी चाहिए। ऐसी ही रहें जब तक कि आपको अपनी नाभि के पास तनाव महसूस न होने लगे। सांस छोड़ते हुए जमीन पर वापस आएं। इस आसन से पाचन क्रिया, छोटी-बड़ी आंत में लाभ मिलता है।
भुजंगासन: फेफड़ों होंगे मजबूत
यह आपकी पीठ की निचली मांसपेशियों को मजबूत करेगा। साथ ही यह आपकी रीढ़ को भी फ्लेक्सिबल बनाता है। पैरों को सटा कर पेट के बल लेट जाएं। हाथों के जोर पर अपने धड़ को और उसके साथ अपने सिर को ऊपर उठाएं। कोहनी सीधी रखें और ध्यान रहे कि दोनों हथेलियों पर बराबर दबाव हो। अपना सिर पीछे की ओर झुकाएं। ध्यान रखें कि आपके कंधे आपके कानों से दूर हों। जमीन पर वापस आते हुए सांस छोड़ें।
पश्चिमोत्तनासन
यह आसन आपकी घुटने और कूल्हे की मांसपेशियों का लचीलापन बढ़ाता है और रीढ़ को लंबा करता है। सांस लें और आपने हाथ सिर के ऊपर ले जाएं और खींचे। अब सांस लेते हुए अपने हाथ नीचे ले जाएं और फिर आगे झुककर पैरों को छूने की कोशिश करें। अगर आप अपने पैर की अंगुलियों को पकड़ सकें तो अच्छा लेकिन जबरदस्ती न करें। सांस लें और रीढ़ को तानें। सांस छोड़ते हुए अपनी नाभि को अपने घुटनों के पास रखें।
बालासन: हो जाईए तनावमुक्त
यह आरामदायक आसन आपको रिलैक्स कराता है। यह आपको शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से ऊर्जा देता है। मुश्किलों आसनों के बीच यह आसन करें। आंखें बंद कर अपनी सांसों की आवाज सुनें। अपने घुटनों को मोड़ें और एडियों पर बैठ जाएं। अपने कूल्हे अपनी एड़ियों पर रखें। अपना सिर नीचें करें और अपने हाथों को बगल से आगे लाएं। अपनी जांघों को अपनी छाती से दबाएं और हल्की सांस लें।
सुखासन: बढ़ेगी एकाग्रता
सुखासन प्राणायाम और ध्यान के लिए एक आरामदायक आसन है। यह आपको केंद्रित होने में मदद करता है। सभी आसन इसलिए किए जाते हैं ताकि अंत में शरीर आराम में इस आसन में ध्यान के लिए बैठ सके। यह आसन योग को शारीरिक आय़ाम से आगे ले जाता है और आपको आपके आध्यात्मिक पहलू की ओर बढ़ाता है। मैट पर पैरों को मोड़कर बैठें (बायां पैर दायीं जांघ के नीचे और दायां पैर बायीं जांघ के नीचे दबाकर) रीढ़ सीधी रखें। अपने हाथ अपने घुटनों पर रखें। आप ज्ञान मुद्रा या चिन मुद्रा प्रयोग कर सकते हैं। शरीर को ढीला छोड़ दें और आराम से सांस लें।
इस आसन में हम किसी पर्वत की तरह खड़े होते हैं। इस आसन को पर्वत मुद्रा आसन भी कहते हैं। इस आसन से दिमाग और ध्यान बढ़ता है। यह सभी अन्य आसनों के लिए शुरुआती आसन है। ताड़ासन करने से लंबाई बढ़ती है, तो अगर आप अपनी या अपने बढ़ती उम्र के बच्चों की लंबाई बढ़ाना चाहते हैं तो योगा के समय इस आसन को जरूर शामिल करें।
वृक्षासन: पतली कमर की है इच्छा
यह आसन आपके संतुलन को बेहतर करता है और पैरों व पीठ के लिए फायदेमंद है। यह किसी पेड़ की आकृति जैसा है। अपना दायां पैर उठाएं और बायीं जांघ पर रखें। पैर का तलवा सीधा होना चाहिए। अपना बायां पैर सीधा रखें और संतुलन बनाएं। सांस अंदर लेते हुए अपने हाथ सिर के ऊपर ले जाएं और दोनों हथेलियों को मिलाएं। ध्यान रहे कि आपकी रीढ़ सीधी हो। अब कुछ गहरी सांसें लें। सांस छोड़ते हुए हाथ नीचे लाएं और दायां पैर नीचे करें। अब यही दूसरे पैर से करें। यह आसन करने से कमर की चर्बी कम होती है।
अधोमुख आसन: बालों की बढ़ाएं चमक
इस आसन से घुटने के पीछे की नस, छाती में खिंचाव आता है और रीढ़ लंबी होती है जिससे दिमाग तक रक्त प्रवाह बढ़ता है। यह आसन आपको ऊर्जावान बनाता है। अपनी एड़ियों पर बैठ जाएं, अपने हाथ मैट पर आगे फैलाएं और सिर नीचे करें। अपने हाथों से जमीन को धक्का देते हुए अपने कूल्हों को ऊपर उठाएं। एड़ियों को नीचे दबाएं, सिर को खुला छोड़ दें और कमर को कसें। इस आसन से सिर की रक्त संचार की प्रक्रिया को अच्छी तरह से होने में मदद मिलती है। जिससे बालों से जुड़ी समस्याओं से भी निजात मिल सकती है।
त्रिकोणासन: कमर को बनाएं आकर्षक
अपने पैरों के बीच कुछ दूरी बना कर खड़े हों। दायें पैर को दूर ले जाकर पैरों रे बीच और जगह बनाएं। दोनों पैर जमीन पर जमाएं रखें और संतुलन बनाएं। सांस अंदर लें। सांस बाहर निकालते हुए अपने दायें हाथ को नीचे लाएं और जमीन को छूने की कोशिश करें। बायां हाथ ऊपर की ओर जाएगा। अपनी कमर सीधी रखें। ध्यान रखें कि आपका शरीर आगे या पीछे नहीं बल्कि साइड की ओर मुड़ा हो। लंबी-गहरी सांसे लें और जितना संभव हो सके शरीर को खींचे। ऐसा ही दूसरी तरफ से भी करें।
कुर्सीआसन: शरीर को दे मजबूती
यह आसन पैरों और हाथों की पेशियों को मजबूत करता है। यह आपकी इच्छाशक्ति बढ़ाता है और शरीर व दिमाग को ऊर्जावान बनाता है। पैरों के बीच थोड़ी दूरी बनाकर सीधे खड़े हों। हाथों को आगे की ओर खीचें लेकिन कोहनी न मोड़ें। सांस अंदर लें और अपने घुटनों को ऐसे मोड़ें जैसे आप किसी कुर्सी पर बैठे हों। अपने हाथ जमीन से समानांतर और पीठ सीधी रखें। गहरी सांसें लें। नीचे झुकते वक्त ध्यान रखें कि आपके घुटने आपके पैर की अंगुलियों से आगे न जाएं।
नौकासन: पाचन क्रिया बनाए मजबूत
यह आपकी पेट की पेशियों को कसता है और कंधों व पीठ के ऊपरी भाग को मजबूत करता है। इससे शरीर में स्थिरता आती है। पैरों को एक साथ रखें व हाथों को साइड में रखकर पीठ के बल लेट जाएं। गहरी सांस लें और सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे अपनी छाती और पैर जमीन से ऊपर उठाएं। अपने हाथ अपने पैरों की दिशा में उठाएं। आपकी आंखें, हाथ व पैरों की अंगुलियां एक सीध में होनी चाहिए। ऐसी ही रहें जब तक कि आपको अपनी नाभि के पास तनाव महसूस न होने लगे। सांस छोड़ते हुए जमीन पर वापस आएं। इस आसन से पाचन क्रिया, छोटी-बड़ी आंत में लाभ मिलता है।
भुजंगासन: फेफड़ों होंगे मजबूत
यह आपकी पीठ की निचली मांसपेशियों को मजबूत करेगा। साथ ही यह आपकी रीढ़ को भी फ्लेक्सिबल बनाता है। पैरों को सटा कर पेट के बल लेट जाएं। हाथों के जोर पर अपने धड़ को और उसके साथ अपने सिर को ऊपर उठाएं। कोहनी सीधी रखें और ध्यान रहे कि दोनों हथेलियों पर बराबर दबाव हो। अपना सिर पीछे की ओर झुकाएं। ध्यान रखें कि आपके कंधे आपके कानों से दूर हों। जमीन पर वापस आते हुए सांस छोड़ें।
पश्चिमोत्तनासन
यह आसन आपकी घुटने और कूल्हे की मांसपेशियों का लचीलापन बढ़ाता है और रीढ़ को लंबा करता है। सांस लें और आपने हाथ सिर के ऊपर ले जाएं और खींचे। अब सांस लेते हुए अपने हाथ नीचे ले जाएं और फिर आगे झुककर पैरों को छूने की कोशिश करें। अगर आप अपने पैर की अंगुलियों को पकड़ सकें तो अच्छा लेकिन जबरदस्ती न करें। सांस लें और रीढ़ को तानें। सांस छोड़ते हुए अपनी नाभि को अपने घुटनों के पास रखें।
बालासन: हो जाईए तनावमुक्त
यह आरामदायक आसन आपको रिलैक्स कराता है। यह आपको शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से ऊर्जा देता है। मुश्किलों आसनों के बीच यह आसन करें। आंखें बंद कर अपनी सांसों की आवाज सुनें। अपने घुटनों को मोड़ें और एडियों पर बैठ जाएं। अपने कूल्हे अपनी एड़ियों पर रखें। अपना सिर नीचें करें और अपने हाथों को बगल से आगे लाएं। अपनी जांघों को अपनी छाती से दबाएं और हल्की सांस लें।
सुखासन: बढ़ेगी एकाग्रता
सुखासन प्राणायाम और ध्यान के लिए एक आरामदायक आसन है। यह आपको केंद्रित होने में मदद करता है। सभी आसन इसलिए किए जाते हैं ताकि अंत में शरीर आराम में इस आसन में ध्यान के लिए बैठ सके। यह आसन योग को शारीरिक आय़ाम से आगे ले जाता है और आपको आपके आध्यात्मिक पहलू की ओर बढ़ाता है। मैट पर पैरों को मोड़कर बैठें (बायां पैर दायीं जांघ के नीचे और दायां पैर बायीं जांघ के नीचे दबाकर) रीढ़ सीधी रखें। अपने हाथ अपने घुटनों पर रखें। आप ज्ञान मुद्रा या चिन मुद्रा प्रयोग कर सकते हैं। शरीर को ढीला छोड़ दें और आराम से सांस लें।
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