
Pickles During Pregnancy: भारतीय खाने में अचार का इस्तेमाल काफी आम है, लोग पराठे से लेकर दाल-चावल का स्वाद बढ़ाने में अचार का इस्तेमाल करते हैं. महिलाओं में अचार खाने की आदत पुरुषों से थोड़ी ज्यादा होती है, खासतौर पर जब कोई महिला प्रेग्नेंट होती है तो अचार की क्रेविंग कई गुना बढ़ जाती है. आज हम आपको बताएंगे कि प्रेग्नेंसी में महिलाओं को अचार या फिर इमली जैसी खट्टी चीजें खाने का मन क्यों होता है और ऐसा करना कितना सही है.
क्यों करता है अचार खाने का मन?
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, इससे मूड स्विंग और अलग-अलग चीजों के लिए क्रेविंग्स होती हैं. इस दौरान महिलाओं को आसानी से किसी भी चीज का स्वाद महसूस नहीं होता है. अचार की स्मेल महिलाओं को आकर्षित करती है और ये उनकी क्रेविंग को शांत करने का काम करता है. प्रेग्नेंसी में कई बार इमोशनल स्ट्रेस के चलते भी महिलाओं को अचार खाने का मन होता है. तमाम तरह के हार्मोनल चेंज के चलते खट्टा या फिर अचार खाने का मन करने लगता है.
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कितना खट्टा खाना है सही?
जैसा कि हमने आपको बताया कि प्रेग्नेंसी में हार्मोन्स में होने वाले बदलावों के चलते खट्टा खाने का ज्यादा मन होता है, ऐसे में सवाल है कि महिलाओं को कितना खट्टा खाना चाहिए और इससे क्या नुकसान हो सकते हैं. रोजाना अचार को अपनी डाइट में शामिल करने से प्रेग्नेंट महिलाओं को नुकसान हो सकता है. अचार में नमक की मात्रा काफी ज्यादा होती है, ऐसे में ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है. मां के शरीर में होने वाले हर बदलाव का असर बच्चे पर होता है, ऐसे में ज्यादा अचार खाने से बच्चे की सेहत पर भी असर पड़ सकता है.
डिब्बा बंद अचार यानी बाजार से खरीदा जाने वाला अचार खाने से बचना चाहिए, क्योंकि इसमें प्रिजर्वेटिव होते हैं. इसे ज्यादा खाने से एसिडिटी और गैस की समस्या हो सकती है. अगर ज्यादा मन कर रहा है तो आप घर पर बना आम का अचार ले सकती हैं. इसके अलावा अचार की जगह इमली का सेवन भी कर सकती हैं. कुछ महिलाओं को अचार बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए, ऐसे में इसे लेकर अपनी डॉक्टर से जरूर एक बार सलाह ले लें.
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