चिंता, कहीं भटका ने दे आपके कदम

चिंता, कहीं भटका ने दे आपके कदम

लंदन:

आज की भागती-दौड़ती जिंदगी में चिंता उस बीमारी की तरह है जो कब आपको अपनी चपेट में ले ले, पता ही नहीं चलता। कभी-कभी ये चिंता आपपर इतनी हावी हो जाती है कि आप अचानक चलते-चलते गलत दिशा में मुड़ने लगते हैं। इसके लिए कसूरवार आपका मस्तिष्क है क्योंकि तनाव के दौरान लोगों में मस्तिष्क का दायां भाग व्यक्ति को बाईं दिशा में चलने के लिए उन्मुख करता है।

शोध में हुआ खुलासा
यूनिवर्सिटी ऑफ केंट की डॉक्टर मारियो वीक ने पहली बार मस्तिष्क के दो भागों (गोलार्धो) की सक्रियता को व्यक्ति की प्रक्षेप पथ के बदलावों के साथ जोड़ा है। इस शोध के लिए शोधार्थियों ने कुछ लोगों से आंखों पर पट्टी बांधकर एक कमरे में सीधे चलने के लिए कहा। वह पहले से ही उस कमरे से वाकिफ थे।

अलग-अलग प्रेरक तंत्रों से जुड़ा है मस्तिष्क
शोधार्थियों को इस संबंध में सबूत मिला है कि इनमें जो प्रतिभागी असामान्य और चिंताग्रस्त स्थिति से गुजर रहे थे वह बाई दिशा में चलने के लिए उन्मुख दिखाई दिए, जिसकी वजह उनके मस्तिष्क के दाएं हिस्से में अधिक सक्रियता का होना है। यह शोध बताता है कि मस्तिष्क के यह दो हिस्से आपस में अलग-अलग प्रेरक तंत्रों के साथ जुड़े हैं।

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इस शोध के जरिए पहली बार मानसिक अवरोध और मस्तिष्क की दाईं हिस्से की सक्रियता के बीच स्पष्ट संबंध का पता चल पाया है। इस समस्या से पीड़ित व्यक्तियों का अब पहले से अधिक कारगर इलाज किया जा सकेगा।