विज्ञापन
Story ProgressBack

थेरेपिस्ट ने कहा इतने कूल पैरेंट्स भी ना बनें, टीनेजर्स की परवरिश को लेकर दिए कई काम के सुझाव

किशोरावस्था में बच्चों के साथ कितना उदार होना है और कितना सख्त रवैया अपनाना है यह समझने में माता-पिता को अक्सर ही उलझन होने लगती है. ऐसे में थेरेपिस्ट के बताए कुछ टिप्स काम के साबित हो सकते हैं. 

थेरेपिस्ट ने कहा इतने कूल पैरेंट्स भी ना बनें, टीनेजर्स की परवरिश को लेकर दिए कई काम के सुझाव
बढ़ती उम्र के बच्चों की इस तरह करें परवरिश. 

Parenting: सभी माता-पिता के जीवन में वो मुश्किल भरा वक्त जरूर आता है जब उनके नन्हे-मुन्ने बड़े होने लगते हैं और किशोरावस्था में कदम रखते हैं. यह वो समय है जब ना तो बच्चों को बच्चा कहा जा सकता है और ना ही बड़ा. किशोरावस्था (Teenage) में अक्सर ही बच्चे लड़ने-झगड़ने वाले हो जाते हैं, कभी भी उन्हें मूड स्विंग्स होने लगते हैं, अपनी बात मनवाने के लिए जिद करने लगते हैं, माता-पिता से दूर होने लगते हैं और अपने में ही रहना पसंद करने लगते हैं. ऐसे में माता-पिता बच्चों को समझने की कोशिश करते हैं और उनके साथ उदार रवैया अपनाते हैं. लेकिन, इस उदार रवैये पर थेरेपिस्ट रिरी त्रिवेदी का कहना है कि माता-पिता को इतना कूल पैरेंट (Cool Parent) भी नहीं बनना चाहिए. 

Cannes 2024: 77वें कान फिल्म फेस्टिवल में नजर आ सकते हैं ये 6 फेमस इंफ्लुएंसर्स, स्टाइलिश लुक्स में करेंगे शिरकत

रिरी त्रिवेदी का अपना इंस्टाग्राम अकाउंट है जिसपर उनके 678k फॉलोअर्स हैं. वे अक्सर ही अलग-अलग तरह के टिप्स वगैरह इंस्टाग्राम पर साझा करती रहती हैं. अपने ऐसे ही एक वीडियो में रिरी ने बताया है कि क्यों माता-पिता (Parents) को जरूरत से ज्यादा कूल पैरेंट बनने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. रिरी का कहना है कि माता-पिता अक्सर ही कूल पैरेंट बनने के लिए बच्चे को किशोरावस्था में कदम रखते ही हर काम की छूठ दे देते हैं, यह कहते हुए कि अब हम दोस्त हैं और किसी तरह के रूल्स वगैरह नहीं हैं. लेकिन, रिरी कहती हैं कि किशोर बच्चों के दिमाग को कायदे कानून और स्ट्रक्चर की जरूरत होती है क्योंकि टीनेज ब्रेन अडल्ट ब्रेन नहीं है और उसे पूरी तरह से डेवलप होने में अभी समय है. इसीलिए टीनेजर्स कई चीजें इंपल्स के साथ करते हैं, सोचे-समझकर नहीं. 

Cannes 2024: कान फिल्म फेस्टिवल में डेब्यू करने वाली हैं कियारा आडवाणी, ये हैं अबतक के बेस्ट रेड कार्पेट लुक्स 

पैरेंट्स को सुझाव देते हुए रिरी का कहना है कि टीनेजर्स (Teenagers) के साथ आपको कायदे-कानून मिलकर बनाने होंगे, साथ में बात करनी होगी और चर्चा करनी होगी, क्या रूल्स हैं, रूल्स के पीछे के कारण और लॉजिक क्या हैं और उनका क्या प्रभाव हो सकता है. टीनेजर्स के साथ मिलकर जब फैसले लिए जाते हैं तो बच्चे उन्हें फॉलो भी करते हैं. बस इस बात का ध्यान रखना जरूरी होता है कि टीनेज बच्चों के साथ आपको साथ मिलकर फैसले लेने जरूरी होते हैं, उनपर कोई बात नहीं थोपनी चाहिए. 

आखिर में रिरी बताती हैं कि किशोर बच्चे अब भी जीवन को समझने की प्रक्रिया में हैं और पूरी तरह से वयस्क नहीं हुए हैं. ऐसे में उन्हें स्वतंत्रता और सुझाव देते हुए सीमाओं का संतुलन रखना या कहें ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है. 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

Nutritionist के बताए 10 आसान Tips से कभी नहीं बढ़ेगा घटाया हुआ वजन

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
खाना खाते ही भागना पड़ता है वॉशरूम? इन 4 चीजों से तैयार डिटॉक्स वॉटर आपके Liver में जमी गंदगी एकबार में कर सकता है साफ
थेरेपिस्ट ने कहा इतने कूल पैरेंट्स भी ना बनें, टीनेजर्स की परवरिश को लेकर दिए कई काम के सुझाव
World Population Day 2024: क्यों मनाया जाता है विश्व जनसंख्या दिवस, जानिए कौनसे देशों में रहते हैं सबसे कम लोग
Next Article
World Population Day 2024: क्यों मनाया जाता है विश्व जनसंख्या दिवस, जानिए कौनसे देशों में रहते हैं सबसे कम लोग
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;