21 जून यानी कि आज साल का पहला सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) कुछ वक्त पहले ही खत्म हुआ है. आज का यह ग्रहण भारत समेत चीन, अफ्रीका, कांगो, इथोपिया, नेपाल और पाकिस्तान आदि देशों में देखा गया. कई हिस्सों में यह ग्रहण आंशिक अवस्था में दिखाई दिया तो वहीं कई देशों में इसे वल्याकार ग्रहण के तौर पर देखा गया. आज का ग्रहण (Solar Eclipse 2020) सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर शुरू हुआ था. इसके बाद यह 12 बजकर 10 मिनट पर अपने सबसे अधिक प्रभाव में रहा और फिर दोपहर 3 बजकर 4 मिनट पर ग्रहण खत्म हो गया.
दरअसल, साल के सबसे बड़े दिन लगने वाला यह ग्रहण आज से पहले 2001 में देखा गया था. आपको बता दें, इस दिन पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करते हुए, सूर्य की ओर अपने अधिकतम झुकाव पर पहुंच जाती है. इसे ग्रीष्म संक्रांति (Summer Solstice Solar Eclipse 2020) भी कहा जाता है. हर साल पृथ्वी पर दो संक्रांति देखने को मिलती है. एक ग्रीष्म और शीतकालीन अयनांत, जो तब होती है जब पृथ्वी सूर्य से सबसे दूर होती है और उसका झुकाव भी सूर्य की ओर नहीं होता.
क्या होता है सूर्य ग्रहण?
हम इस बारे में अक्सर बात करते हैं कि अला दिन सूर्य ग्रहण होगा या फला दिन होगा. लेकिन क्या आप जानते है कि सूर्य ग्रहण किसे कहते हैं. असल में यह एक खगोलीय घटना है. सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा के आ जाने की खगोलिया स्थिति से जब सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर नहीं पहुंच पाता है, तो इस स्थिति को ही सूर्य ग्रहण कहा जाता है.
माना जाता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान कभी भी कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. न ही पूजा पाठ किया जाना चाहिए और न ही खाना बनाया जाना चाहिए. इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं को भी सूतक लगने के बाद घर से बाहर निकलने के लिए मना कर दिया जाता है. हालांकि, ग्रहण खत्म होने के बाद भी इसके दुष्प्रभावों से बचने के लिए कुछ काम किए जाते हैं.
ग्रहण के दुष्प्रभावों को खत्म करने के लिए करें ये काम:
1. माना जाता है कि ग्रहण खत्म होने के बाद सबसे पहल नहाना चाहिए.
2. खुद नहा लेने के बाद घर के मंदिर में मौजूद भगवानों की मूर्तियों को भी नहलाना या फिर उनपर गंगाजल छिड़कना चाहिए.
3. भगवान की प्रतिमाओं और खुद के नहाने के बाद पूरे घर में धूप-बत्ती कर शुद्धीकरण किया जाना चाहिए.
4. यदि आपके घर में तुलसी है तो आपको उसमें भी गंगाजल डालकर उसे स्वच्छ करना चाहिए.
5. वैसे कुछ लोग कई बार अपने घरों को पानी से भी धोते हैं.
6. माना जाता है कि ग्रहण के बाद दान-पुण्य भी करना चाहिए.
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