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This Article is From Mar 17, 2018

भारत में हर 5 में से 1 आदमी इस बीमारी से पीड़ित, वजन बढ़ना और सिरदर्द प्रमुख कारण

इस बीमारी में नींद के दौरान सांस लेने में बार-बार रुकावट होती है. इसके कुछ कारणों में अधिक वजन, ऊपरी वायुमार्ग का छोटा होना, जीभ का बड़ा आकार और टॉन्सिल प्रमुख हैं.

भारत में हर 5 में से 1 आदमी इस बीमारी से पीड़ित, वजन बढ़ना और सिरदर्द प्रमुख कारण
देश में हर 5 में से 1 को नींद की समस्या : रिपोर्ट
नई दिल्ली: देश में हर 5 में से 1 को नींद की समस्या है और ऐसे मामलों में लगभग 20.3 प्रतिशत रोगी डॉक्टरों से नींद की गोलियां लिखने को कहते हैं. एक शोध में यह बात सामने आई है. रिसर्च में पता चला है कि कई रोगियों को नींद न आने की शिकायत रहती है, जिसके लिए उनका अत्यधिक व्यस्त कार्यक्रम, रात के समय काम करना और उच्च मानसिक तनाव एक कारण है. ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया (ओएसए) सबसे सामान्य नींद विकारों में से एक है.

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ओएसए एक विकार है, जिसमें नींद के दौरान सांस लेने में बार-बार रुकावट होती है. इसके कुछ कारणों में अधिक वजन, ऊपरी वायुमार्ग का छोटा होना, जीभ का बड़ा आकार और टॉन्सिल प्रमुख हैं.

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हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष एवं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, "ओएसए नींद का एक सबसे सामान्य प्रकार है, जिसका एक संकेत है खर्राटे आना. ओएसए की वजह से रक्त में ऑक्सीजन का स्तर घट जाता है और नींद में बाधा पड़ने से हृदय रोग का जोखिम पैदा हो जाता है. ओएसए वाले आधे लोगों में उच्च रक्तचाप भी होता है."

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उन्होंने कहा, "यह पुरुषों में अधिक आम है और बुढ़ापे के साथ इसकी संभावना बढ़ जाती है. यह आनुवांशिक भी हो सकता है. कुछ जातियों के लोग दूसरों की तुलना में इससे अधिक ग्रस्त पाए गए हैं. पुरुषों में 17 इंच से अधिक और महिलाओं में 15 इंच से अधिक चौड़ी गर्दन होने पर यह समस्या हो सकती है."

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ऑब्सट्रक्टिव के संकेतों और लक्षणों में दिन में नींद आना, जोर से खरार्टे लेना, नींद के दौरान श्वास लेने में कठिनाई, अचानक जाग जाना, गले में खराश, सुबह को सिरदर्द, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, मूड में परिवर्तन, उच्च रक्तचाप, रात को पसीना आना और कामेच्छा में कमी अदि प्रमुख हैं.

डॉ. अग्रवाल ने बताया, "अगर आपको दिन में अधिक नींद आती है और थकान रहती है तो विशिष्ट लक्षणों पर नजर रखना और विशेषज्ञों से परामर्श लेना महत्वपूर्ण है. इसके लिए एक स्लीप लैब में रातभर नींद का परीक्षण किया जाता है. नींद के दौरान मस्तिष्क तरंगों, आंखों और पैरों की गति, ऑक्सीजन के स्तर, वायु प्रवाह और दिल की रिदम को रिकॉर्ड करके, इस कंडीशन का पता लगाया जाता है. बढ़े हुए मामलों में सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है. जीवनशैली में कुछ परिवर्तन इस कंडीशन से बचने या इसे खराब होने से रोकने में मदद कर सकते हैं." (इनपुट - आईएएनएस)

देखें वीडियो - जब रात को नींद न आए तो ये हैं उपाय

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