अक्सर आप ऑफिस में इस बात को लेकर सोच में पड़ जाते हैं, जब आप देखते हैं कि अक्सर लोग आपको अजीब निगाहों से देख रहे हैं. आप जैसे नहीं हैं वैसी बातें आपके बारे में की जा रही हैं. आपकी लाख कोशिशों के बाद भी लोग आपके व्यवहार मे खामियां निकाल देते हैं. तो हो सकता है कि दिक्कत आपके व्यवहार में नहीं, आपके हावभाव में हो या हो सकता है कि आपको कुछ छोटी मोटी बातों का ध्यान रखना हो, जो कि ऑफिस शिष्टाचार के दायरे में आती हों. ऐसी ही कुछ बातों पर एक सरसरी नजर...
- इस बात का खास ध्यान रखें कि जब भी आप किसी मीटिंग के दौरान जब कुर्सी पर बैठे हों, तो आपके हाथ, आपकी गोद में रखे हों या फिर कुर्सी के हत्थे पर.
- कुर्सी पर बैठते समय अपने पैरों को परस्पर रखें, और अगर एक पैर को दूसरे पैर पर रखकर बैठते हैं, तो पैरों को हिलाएं मत.
- अगर आप आफिस की किसी मीटिंग में हैं तो खुद को ढीला छोड़कर खड़े न हों, कंधों को हमेशा सीधा रखें. कमर पर हाथ रखकर खड़े होने की आदत छोडें दें.
- किसी भी चर्चा या मीटिंग के दौरान ध्यान केंद्रित रखें. खासकर उस समय, जब आप किसी कार्यक्रम के उद्घोषक हों और लोगों का स्वागत कर रहे हों.
- मन की उत्सुकता या बेचैनी को चुतराई से छिपाना सीखें. बेचैनी में बार-बार घड़ी देखना या नाखून चबाना गलत आदत है.
- सौम्य और हसंमुख लागों से सभी प्रेम करते हैं, इसलिए अपने व्यवहार को सदैव सौम्य और आकर्षक बनाने का प्रयास करें.
- एक बेहतर व्यक्ति वही है, जो रिश्तों में ईमानदारी, शिष्टता और सच्चाई जैसी बातों अहम स्थान दे.
- अपने गुस्से को नियंत्रण में रखें, क्योंकि गुस्सा आपके गुणों को छिपा देता है और आपकी छवि पर नकारात्मक प्रभाव ड़ालता है.
- हर इंसान के साथ ईमानदारी और शिष्टता से पेश आएं. अगर आप किसी को सम्मान देंगें, तो वह भी आपको सम्मान देगा.
- अच्छा श्रोता बनें. सबकी बात को ध्यान से सुनें, जब दूसरा व्यक्ति अपनी बात पूरी कर चुका हो, तभी बोलें.
- जब भी किसी से बात करें, तो नजरें मिला कर करें. किसी से बात करते समय इधर-उधर देखने के बजाए उनकी आंखों में देखें.
- किसी भी व्यक्ति से पूरे जोश के साथ हाथ मिलाएं. हाथ मिलाते समय अपनी अंगुलियों को भीतर और अंगूठे को ऊपर की तरफ रखें.
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- जब भी कुर्सी पर बैठें, तो शिष्टाचारपूर्वक बैठें. शरीर को कुर्सी पर पटकने या एकदम से कुर्सी पर गिर कर बैठने की आदत छोड़ दें. यह आपकी ओर सबका ध्यान खींच सकती है. Shradh 2017: जानें पिंडदान क्यों है जरूरी और क्या पिंडदान करने की सही विधि...
- इस बात का खास ध्यान रखें कि जब भी आप किसी मीटिंग के दौरान जब कुर्सी पर बैठे हों, तो आपके हाथ, आपकी गोद में रखे हों या फिर कुर्सी के हत्थे पर.
- कुर्सी पर बैठते समय अपने पैरों को परस्पर रखें, और अगर एक पैर को दूसरे पैर पर रखकर बैठते हैं, तो पैरों को हिलाएं मत.
- अगर आप आफिस की किसी मीटिंग में हैं तो खुद को ढीला छोड़कर खड़े न हों, कंधों को हमेशा सीधा रखें. कमर पर हाथ रखकर खड़े होने की आदत छोडें दें.
- किसी भी चर्चा या मीटिंग के दौरान ध्यान केंद्रित रखें. खासकर उस समय, जब आप किसी कार्यक्रम के उद्घोषक हों और लोगों का स्वागत कर रहे हों.
- मन की उत्सुकता या बेचैनी को चुतराई से छिपाना सीखें. बेचैनी में बार-बार घड़ी देखना या नाखून चबाना गलत आदत है.
- सौम्य और हसंमुख लागों से सभी प्रेम करते हैं, इसलिए अपने व्यवहार को सदैव सौम्य और आकर्षक बनाने का प्रयास करें.
- एक बेहतर व्यक्ति वही है, जो रिश्तों में ईमानदारी, शिष्टता और सच्चाई जैसी बातों अहम स्थान दे.
- अपने गुस्से को नियंत्रण में रखें, क्योंकि गुस्सा आपके गुणों को छिपा देता है और आपकी छवि पर नकारात्मक प्रभाव ड़ालता है.
- हर इंसान के साथ ईमानदारी और शिष्टता से पेश आएं. अगर आप किसी को सम्मान देंगें, तो वह भी आपको सम्मान देगा.
- अच्छा श्रोता बनें. सबकी बात को ध्यान से सुनें, जब दूसरा व्यक्ति अपनी बात पूरी कर चुका हो, तभी बोलें.
- जब भी किसी से बात करें, तो नजरें मिला कर करें. किसी से बात करते समय इधर-उधर देखने के बजाए उनकी आंखों में देखें.
- किसी भी व्यक्ति से पूरे जोश के साथ हाथ मिलाएं. हाथ मिलाते समय अपनी अंगुलियों को भीतर और अंगूठे को ऊपर की तरफ रखें.
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