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बच्चों को अनुशासन सिखाने के लिए क्या मारना है जरूरी, जानें इससे क्या पड़ता है बच्चे की मेंटल हेल्थ पर असर

क्या आपके बच्चे भी अनुशासित नहीं है और अनुशासन सिखाने के लिए क्या आप उनकी पिटाई करते हैं? तो एक बार इस आर्टिकल को जरूर पढ़ लीजिए कि बच्चों को मार कर अनुशासन सिखाया जाना सही है या गलत.

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बच्चों को अनुशासन सिखाने के लिए क्या मारना है जरूरी, जानें इससे क्या पड़ता है बच्चे की मेंटल हेल्थ पर असर
parenting tips : पेरेंटिंग में मददगार टाइम आउट फॉर्मूला.

Parenting Tips: बच्चों की परवरिश कच्ची मिट्टी की तरह की जाती है, जिसे बड़ी सावधानी से हमें संभालना पड़ता है और मिट्टी के घड़े को पकाने के लिए जिस तरह से आग और ताप का इस्तेमाल किया जाता है, उसी तरह से कई बार बच्चों को भी डांटकर हमें सिखाना पड़ता है. अच्छी पैरेंटिग (Parenting) का मतलब सिर्फ यह नहीं की बच्चों को नहला-धुलाकर, लाड प्यार दुलार करके आप बढ़ा करें, बल्कि अच्छे पेरेंट्स (Parents) की निशानी यह होती है कि आप गलत करने पर बच्चों (Children) को सही रास्ता भी दिखाएं, लेकिन ऐसा करने के लिए क्या बच्चों की पिटाई करना जरूरी है आइए हम आपको बताते हैं, इससे क्या होता है.

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क्या मारकर ही बच्चे सीखते हैं अनुशासन


अक्सर पेरेंट्स को लगता है कि बच्चे अगर डिसिप्लिन में नहीं रहते हैं, तो उनको डांटकर या मारकर ही ठीक किया जा सकता है. जबकि ऐसा नहीं है, बच्चों को अगर आप प्यार से समझाएं और अच्छे उदाहरण उनके सामने दें, तो वह अनुशासन सीख सकते हैं और आपको इसके लिए उन्हें मारने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि बच्चों को मारने से उन्हें कई तरह के नुकसान हो सकते हैं-

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Photo Credit: istock



गंभीर चोट लगना


बच्चों को अनुशासित रखने के लिए कई बार पेरेंट्स बच्चों की पिटाई लगा देते हैं. कुछ बच्चे इतने नाजुक और कोमल होते हैं कि छोटी सी चोट कई बार गंभीर चोट बन सकती है जिससे उन्हें ताउम्र जूझना भी पड़ सकता है.

मेंटल हेल्थ पर पड़ता है बुरा असर


जी हां, एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि अगर बच्चों को ज्यादा डांटा या मारा जाए तो इससे उनकी मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है और ऐसे बच्चे हमेशा डरे, सहमें रहते हैं, उनका आत्मविश्वास भी कम होता है और भविष्य में ऐसे बच्चे फैसला लेने में सक्षम नहीं होते हैं. यह आगे जाकर डिप्रेशन का कारण भी बन सकता है.

झूठ बोलने की प्रवृत्ति


जब आप बच्चों की बार-बार पिटाई करते हैं, तो उनके मन में यह विचार आता है कि अगर हम कुछ भी गलत काम करेंगे तो पेरेंट्स हमारी पिटाई करेंगे, इसलिए वह झूठ बोलना शुरू कर देते हैं और ऐसे में बच्चे अपनी बातें छुपाने लगते हैं और बड़े होकर यह उनके जीवन पर बुरा असर डालता है.

कानून भी करता है इसकी मनाही


बच्चों की पिटाई करना कनून की नजर में भी गलत माना गया है. दुनिया में कई देश ऐसे हैं जहां पर अगर पेरेंट्स बच्चों की पिटाई करते हैं, तो उन्हें जेल तक हो सकती है. भारत में भी बच्चों को बुरी तरह से पीटने पर पेरेंट्स को सजा दी जा सकती है और जुर्म साबित होने पर 6 महीने तक की जेल भी हो सकती है. ऐसे में बच्चों को मारने पीटने की जगह आप उन्हें समझा सकते हैं या फिर कई बार बड़ों या एक्सपर्ट्स की मदद भी ले सकते हैं.

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