Parenting Tips: कहते हैं बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं जिन्हें जिस सांचे में डालो उसी में ढल जाते हैं. लेकिन, कई बार सांचे में ढालने वाले हाथ आपके नहीं होते और ना ही आपकी सिखाई बातों से यह सांचा बनता है. बुरी संगत (Bad Company) में पड़कर बढ़ते हुए बच्चों में कई नई आदतें बनने लगती हैं, नजर आने लगती हैं जो ना सिर्फ उम्र के हिसाब से गलत होती हैं बल्कि नैतिक तौर पर भी इन आदतों को अच्छा नहीं माना जाता है. जानिए ये कौनसी आदतें या बच्चों की बातें हैं जिनपर माता-पिता (Parents) को खास ध्यान देने की जरूरत होती है, साथ ही बच्चों को एकबार फिर सही राह किस तरह दिखाई जाए जानें यहां.
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बच्चों की बुरी आदतें पहचानना और सुधारना
हर बात का जवाब देनाबच्चा अगर हर बात का जवाब देने लगा है तो बेहतर है आप इसे गंभीरता से लें. ऐसा इसलिए है कि माता-पिता को अगर बच्चा हर बात पर जवाब देने लगेगा, बहस करने लगेगा तो स्कूल में और अपने दोस्तों के बीच भी उसकी यही आदत पड़ने लगेगी. यह एक संकेत हो सकता है कि बच्चे में बुरी आदतें (Bad Habits) पनपने लगी हैं.
यह है हल- इस आदत को सुधारने के लिए आप खुद भी बच्चे से वही बातें कहें या उसे वही काम बोलें जो उसकी क्षमता में हो. बच्चे के मनोबल को ठेस ना पहुंचाए और उसकी खिल्ली ना उड़ाए. अगर माता-पिता ऐसा करते हैं तो बच्चे भी उल्टी-सीधी बातें करना शुरू कर देते हैं. दूसरा, इस बात का ध्यान रखें कि आप बच्चों की इस आदत को शय ना दें. यह आदत बच्चों को एक बार लग जाए तो जल्दी जाने का नाम नहीं लेगी.
छोटे बच्चे मन के सच्चे होते हैं वे अगर किसी से गुस्सा होते हैं तो उसकी बुराई कर देते हैं या फिर उससे नाराज हो जाते हैं. लेकिन, किसी की चुगली करना एक बुरी आदत है. यह आदत बच्चों में अपने आस-पास के लोगों को देखने-सुनने से आती है.
यह है हल- इस आदत को सुधारने के लिए आप बच्चे (Child) को तो यह जरूर समझाएं कि चुगली करना कितना बुरा है साथ ही इस आदत की जड़ तक जाएं. खुद भी इस बात का ध्यान रखें कि अगर आप अपने दोस्तों से किसी की बुराई कर रहें हैं, गुट बनाकर चुगली कर रहे हैं या फिर घर आकर बॉस को बुरा भला कह रहे हैं तो बच्चे आपके आसपास ना हों.
बच्चों में दोस्तों को देखकर या आस-पड़ोस से यह आदत पड़ जाती है कि वे हर किसी से तू-तड़ाक करके बातचीत करने लगते हैं. इस आदत के कारण आगे चलकर बच्चों को परेशानी होती है. लोग उन्हें बदतमीज भी कह सकते हैं.
यह है हल- बड़ों का ही नहीं बल्कि बच्चों को हर उस व्यक्ति का सम्मान करना चाहिए जो सम्मान (Respect) के काबिल हो. लेकिन, इसकी शुरूआत माता-पिता के सही व्यवहार से ही होगी. आप अपने घर का माहोल सम्मान वाला रखें, बच्चों पर बाहर की बुरी संगति का असर नहीं हो सकेगा. जब आपको कभी सुनाई पड़े कि बच्चा तू -तड़ाक करने लगा है तो उसे तुरंत टोकें और आदत सुधारने के लिए कहें.
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