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This Article is From Apr 21, 2016

क्‍या आप भी करती हैं नाइट शिफ्ट, तो ये खबर ज़रूर पढ़ें

क्‍या आप भी करती हैं नाइट शिफ्ट, तो ये खबर ज़रूर पढ़ें
लंदन: नींद हमारे बायोलॉजिकल साइकल का एक अहम हिस्सा है और इसमें रोकटोक विशेषकर नाइट शिफ्ट में काम करने के कारण पड़ने वाला खलल पुरुषों की तुलना में महिलाओं के मस्तिष्क को ज्यादा प्रभावित कर सकता है। यह बात एक नए शोध में सामने आई है। शोध के निष्कर्षो से पता चला है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं के मस्तिष्क के प्रदर्शन पर सर्काडियन प्रभाव (24 घंटों का जैविक चक्र) इतना ज्यादा होता है कि नाइट शिफ्ट पूरी होने के बाद महिलाएं संज्ञानात्मक रूप से ज्यादा कमजोर हो जाती हैं।

परफॉर्मेस पर पड़ता है असर
सरी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं में से एक नयनतारा सांथी ने कहा, "हमने पहली बार दिखाया कि सर्काडियन क्लॉक को चुनौती देने से पुरुषों व महिलाओं की परफॉर्मेस पर अलग-अलग असर पड़ता है। हमारे शोध के निष्कर्ष शिफ्ट वर्क संबंधी संज्ञानात्मक कमी व मूड में बदलाव को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण हैं।"

होती हैं मानसिक खूबियां प्रभावित
नींद की कमी की वजह से ध्यान, मोटर कंट्रोल व कार्य स्मृति जैसी मानसिक खूबियां प्रभावित होती हैं। इस शोध के तहत शोधकर्ताओं की टीम ने 16 पुरुष व 18 महिला प्रतिभागियों के मस्तिष्क फंक्शन की तुलना की थी। यह शोध प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज जर्नल में प्रकाशित हुआ है, जो रात की शिफ्ट में काम करने वाली नर्सों, महिला सुरक्षाकर्मियों व महिला पुलिस अधिकारियों से सीधे तौर पर संबद्ध है।
 

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