New Year resolution 2025: अक्सर, जब हम बलपूर्वक अपने विचार व्यक्त नहीं कर पाते, तब निंदा का सहारा लेना कुछ लोगों के लिए एक तरीका बन जाता है. यह इंसान का स्वभाव है जो अधिकांश लोग अपने जीवन में कभी न कभी अनुभव करते हैं. जब किसी इंसान के प्रति ईर्ष्या का स्तर बढ़ जाता है, तब वह व्यक्ति अपने प्रतिद्नदी को नीचा दिखाने के लिए उसकी निंदा कर सकता है. इसके अलावा, कई बार लोग अपनी छवि को बेहतर दिखाने या अपने दोषों को छिपाने के लिए भी निंदा का सहारा लेते हैं. यह एक सामाजिक व्यवहार है जिसे कई लोग करते हैं, लेकिन इसके गलत परिणाम होते हैं. निंदा (What is Condemnation) और निंदा रस के बीच अंतर है. निंदा एक क्षणिक प्रतिक्रिया हो सकती है, लेकिन निंदा रस एक गहरी भावना है, जो किसी व्यक्ति के मानसिकता में गहराई तक जा सकती है. इसे शराब से भी अधिक खतरनाक माना गया है, क्योंकि यह व्यक्ति के व्यक्तित्व और संबंधों पर लंबा प्रभाव डाल सकता है. निंदा रस एक नेगेटिव आदत है (Stay away this bad habit in new year ) जो व्यक्ति को न केवल समाज में अलग-थलग करती है, बल्कि उसके आत्मविश्वास और मानसिक स्वास्थ्य पर भी गलत प्रभाव डालती है.
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क्या है निंदा रस? What is Condemnation
समाज में निंदा रस के प्रभाव को समझना जरूरी है ताकि हम इसके नुकसान से बच सकें. एक पॉजिटिव नजरिया अपनाकर, हम समाज में बेहतर संबंध बना सकते हैं और निंदा की इस आदत को कम कर सकते हैं. निंदा रस एक ऐसा सामाजिक और भावनात्मक विषय है. निंदा रस का सीधा अर्थ है किसी व्यक्ति या परिस्थिति की निंदा का आनंद लेना. यह भावना व्यक्ति के अहंकार को दिखाती है, क्योंकि जो व्यक्ति निंदा करता है, वह अपने आप को सबसे अच्छा मानता है और दूसरों को कमतर आंकता है. कई बार लोग दूसरों का मजाक उड़ाने के लिए निंदा करते हैं, तो कुछ अपने आप को सबसे अच्छा साबित करने के लिए. कुछ के लिए यह केवल समय बिताने का साधन बन जाता है. समय के साथ, जब इस आदत की गंभीरता का एहसास होता है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है. इसीलिए, यह जरूरी है कि हम दूसरों की बुराई न देखें, बल्कि उनकी अच्छाइयों से सीखें.
नए साल के लिए यह एक अच्छा संकल्प हो सकता है कि हम निंदा रस जैसी बुरी आदतों से दूर रहें. यह न केवल हमारे व्यक्तित्व को बेहतर बनाता है, बल्कि इससे हम एक पॉजिटिव और खुशहाल जीवन की ओर भी बढ़ सकते हैं. आइए इस नए साल में पॉजिटिविटी के साथ आगे बढ़ें और निंदा रस से खुद को दूर रखें.
निंदा करना पाप की तरह माना जाता है
ऋग्वेद के मंत्र हमें यह सिखाते हैं कि निंदा करना एक पाप है, जिसका समाज और व्यक्ति दोनों पर गलत प्रभाव पड़ता है. निंदा करने वाले व्यक्ति को ईश्वर की नजर में पापी माना गया है. यह व्यक्ति की आंतरिक शांति और आध्यात्मिक विकास में बाधा डालता है.
निंदा का सीधा असर हमारे रिश्तों पर भी पड़ता है. यह आपसी विश्वास को तोड़ता है और प्यार और सद्भाव की जगह जलन और अविश्वास को जन्म देता है. इसलिए, निंदा करने की बजाय, हमें दूसरों की अच्छाइयों को पहचानने और उनकी प्रेरणा लेने की जरूरत है.
निंदा रस शराब से भी खतरनाक - Ninda Ras more dangerous than alcohol
निंदा रस एक ऐसी मानसिकता है जो शराब के नशे से भी अधिक खतरनाक साबित हो सकती है. जहां शराब का असर कुछ समय बाद खत्म हो जाता है, वहीं निंदा से उपजी मानसिक पीड़ा लंबे समय तक व्यक्ति के मन-मस्तिष्क पर हावी रह सकती है. निंदा के जरिए कोई व्यक्ति अपने भीतर की असुरक्षा और कुंठा को बाहर निकालता है, जो कभी-कभी डिप्रेशन का भी कारण बन सकती है. इसकी तुलना में शराब केवल शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, जबकि निंदा मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पहुंचाती है. आलोचना हमेशा रचनात्मक होनी चाहिए, जिससे व्यक्ति में सुधार की भावना जगे. अत: यह कहा जा सकता है कि निंदा रस वास्तव में शराब से भी खतरनाक है, क्योंकि यह मानसिक स्वास्थ्य को गहरे तक प्रभावित करती है.
निंदा हानिकारक लेकिन जरूरी भी - Why Condemnation is important
हरिशंकर परसाई ने निंदा रस के जरिये इस विषय को बड़े सुंदर ढंग से बताया है. वे बताते हैं कि निंदा या आलोचना का एक गहरा असर होता है, खासकर जब इसे कठोर, व्यंग्यात्मक या बिना जरूरी किया जाए. ऐसी स्थिति में यह सहन करना मुश्किल हो जाता है और व्यक्ति को आहत कर सकता है. आलोचना का यह तरीका आत्मसम्मान को चोट पहुंचा सकता है.
निंदा से बचना संभव नहीं - Impossible to avoid condemnation
लेकिन हरिशंकर परसाई का यह भी मानना है कि निंदा कई बार जरूरी है. यह जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है जिससे बचना संभव नहीं है. आलोचना, जब रचनात्मक और सकारात्मक इरादे से की जाती है, तो यह व्यक्ति को आत्म विश्लेषण करने और अपनी कमजोरियों को पहचानने का अवसर देती है. आलोचना के सकारात्मक पहलू को अपनाने से व्यक्ति एक बेहतर इंसान बन सकता है. इस तरह हरिशंकर परसाई निंदा रस के माध्यम से यह संदेश देते हैं कि आलोचना से डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि इसे खुद को आगे बढ़ाने के लिए अपनाना चाहिए.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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