Happy Shardiya Navratri: व्रत में साबूदाना (Sabudana) सबसे ज्यादा खाए जाने वाला खाद्य पदार्थ है. इसे लोग नाश्ते में भी खाना बहुत पसंद करते हैं. पर क्या आपके द्वारा खाया जाने वाला साबूदाना असली साबूदाना है? जी हां, साबूदाना खाने से पहले ये प्रश्नन करना बेहद जरूरी है. व्रत करते वक्त आपने साबूदाना जरूर खाया होगा? यह एक ऐसा फूड है, जो पूरे भारत में व्रत के दौरान खाया जाता है. बता दें कि साबूदाना एक प्रोसेस्ड फूड है, जो टैपिओका कंद से निकाले गए स्टार्च से बनाया जाता है, इसलिए लोग इसे व्रत के दौरान खाते हैं, लेकिन, मार्केट में इसकी अधिक डिमांड के कारण आजकल नकली साबूदाना भी खूब मिल रहा है. साबूदाना को सगुदाना, जाववर्षि, चौवरी भी कहा जाता है. ये देखने में काफी चमकदार और पॉलिश किए हुए सफेद मोतियों के समान दिखते हैं. देखने में ये बिल्कुल असली साबूदाने की तरह ही दिखता है, इसलिए फर्क करना मुश्किल हो जाता है. आज कल बाजार में मिलावटी साबूदाना बहुत ज्यादा मिल रहा है, जो कि कैमिल्स के प्रयोग से बने होते हैं. इन मिलावटी साबूजाने में सोडियम हाइपोक्लोराइट, कैल्शियम हाइपोक्लोराइट, ब्लीचिंग एजेंट, फॉस्फोरिक एसिड और सल्फ्यूरिक एसिड जैसे कई रसायनों का इस्तेमाल होता है. चिंताजनक बात ये है कि आम आदमी इन कैमिकल्स से बने साबूदाने की पहचान नहीं कर पाता है. चलिए जानते हैं असली और नकली साबूदाने की पहचान कैसे करना चाहिए.
ऐसे करें असली-नकली साबूदाने में पहचान (How To Identify Real And Fake Sabudana)
नकली यानि मिलावटी और असली साबूदाने में पहचान करने के लिए आप थोड़ा सा साबूदाना लें और इसे मुंह में रख कर कुछ देर तक चबाएं. अगर यह आपको किरकिरा महसूस कराता है तो यह मिलावटी है, जबकि रियल साबुदाने को कुछ देर चबाने के बाद उसमें से स्टार्च निकेगा, जो दांत में थोड़ा चिपचिपा लग सकता है.
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ऐसे भ परख सकते हैं साबूदाने की क्वॉलिटी
इसे पानी में भिागोकर रखें कुछ समय अगर यह फूलता है तो यह शुद्ध है और अगर नहीं तो इसमें मिलावट है. इसके अलावा साबुदाने को कुछ देर जलाने से मिलावटी साबूदाना राख छोड़ देगा और असली साबूदाना राख नहीं छोड़ेगा. वहीं, साबूदाने को जलाने पर इसकी खुशबू आएगी और मिलावटी से धुंआ निकलने लगेगा.
मिलावट से हो सकता है सेहत को खतरा
- कूटू के आटे में मिलावट होने पर आपको खूनी आंव, डिसेंट्री और पाइल्स की समस्या जैसी बीमारियां हो सकती हैं. इसकी पहचान करने के लिए आप इन बातों को समझ लें कि कूटू का आटा दरदरा होता है. मिलावट वाले दरदरापन कम हो जाता है.
- सघाड़ा के आटे में मिलावट होने पर गेस्ट्रो इंट्राटिस, कोलाइटिस और अल्सर जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है. इसकी पहचान असली सघाड़े का आटा दरदरा और स्वाद में हल्की मिठास होती है. अगर आटा में चिकनाहट है तो समझो उसमें आरारोट की मिलावट है.
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