
Psychological Fact: साइकोलॉजी का इफेक्ट हमारे बिहेवियर, मन, मानसिक संतुलन (Mental Imbalance) पर सबसे ज्यादा पड़ता है. यह पॉजिटिव या नेगेटिव दोनों तरीके के हो सकते हैं. खासकर जब हम कोई नई चीज शुरू करते हैं या कुछ नया सीखने की कोशिश करते हैं, तो इसके कुछ साइकोलॉजिकल इंपैक्ट (Psycological Impact) हमारी लाइफ में पड़ते हैं. तो चलिए आज हम आपको पांच ऐसे साइकोलॉजिकल फैक्ट्स के बारे में बताते हैं जो आपके सीखने की चाह को दोगुना कर सकते हैं और आप में एक पॉजिटिविटी (Positivity) ला सकते हैं.
यह साइकोलॉजिकल फैक्ट जानना है जरूरी
1. सीखना सभी के लिए फायदेमंद होता है, चाहे आप कोई भी नई चीज क्यों नहीं सीखे यह आपकी लाइफ में कहीं ना कहीं इंप्लीमेंट जरूर होता है. लेकिन साइकोलॉजिकल फैक्ट कहते हैं कि सीखने के साथ-साथ अगर हमें उसके लिए प्रशंसा मिले या कोई हमारी तारीफ करें, तो हम दोगुनी मेहनत से वह चीज सीखने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं.
2. जब भी हम कोई चीज सीखते हैं तो हमें सबसे पहले दिमाग में यही ख्याल आता है कि हम इसे वास्तविक जिंदगी में कैसे लागू कर सकते हैं. साइकोलॉजिकल फैक्ट भी यही कहता है कि जब भी हम कोई चीज करना शुरू करते हैं या सीखते हैं, तो हम इसके त्वरित परिणाम जानने के लिए इच्छुक होते हैं और जब हम इसे जान लेते हैं, तो हम दोगुनी मेहनत से वह चीज सीखते हैं.
3. मनुष्य का स्वभाव बहुत जिज्ञासा से भरपूर होता है, हमें वह चीज सीखने में आनंद आता है जो हम आंखों से देखते हैं. इसलिए कहा जाता है कि जो चीज हम आंखों से देखते हैं उसके लिए जिज्ञासा पैदा होती है हम उससे रिलेटेड क्वेश्चन पूछते हैं और उन्हें सीखने का भी प्रयास करते हैं.

Photo Credit: iStock
4. साइकोलॉजिकल फैक्ट भी यह कहता है कि कोई भी इंसान अकेले जब कोई लर्निंग करता है, तो उसका इंपैक्ट इतना नहीं पड़ता. लेकिन जब कोई ग्रुप में कोई चीज सीखता है या ट्रेनिंग लेता है, तो इससे न सिर्फ उसमें कंपटीशन की भावना पैदा होती है बल्कि वह दूसरों से बेहतर करने के लिए खुद भी मोटिवेट होता है. इसलिए ग्रुप लर्निंग को साइकोलॉजी में इंपॉर्टेंट जगह दी गई है.
5. साइकोलॉजिकल फैक्ट भी ये कहता है की मन का विचलित होना स्वाभाविक है, क्योंकि जब हम कोई नई चीज सीखते हैं तो हमारा मन विचलित होता है. हमारा दिमाग एक समय में तीन से चार चीजों पर ध्यान केंद्रित कर सकता है, लेकिन सबसे ज्यादा जरूरी है कि हमें अपने मन को विचलित होने से बचाना है और एक जगह मन कंसंट्रेट करना है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं