Chandra Grahan: साल 2020 में पहला ग्रहण या कहें चंद्र ग्रहण 10 जनवरी को पड़ रहा है. यह एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण (Upchaya Chandra Grahan) होगा, जो पूर्ण चंद्र ग्रहण से काफी धुंधला होता है. इसके बाद साल 2020 में तीन और चंद्र ग्रहण पड़ेगें जो कि 5 जून, 5 जुलाई और 30 नवंबर को होंगे. खास बात यह सभी ग्रहण उपच्छाया ग्रहण ही होंगे. आज यहां पर आपको 2020 के सबसे पहले चंद्र ग्रहण के बारे में डिटेल में बताया जा रहा है, जिसे पढ़ने के बाद आपको यहां सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे. शुक्रवार को लगने वाला ग्रहण रात को 10 बजकर 37 मिनट पर शुरू होगा.
Chandra Grahan 2020: साल के पहले चंद्र ग्रहण का इस तरह करें दीदार, इन बातों का रखें ध्यान
1 - 10 जनवरी का चंद्र ग्रहण कहां दिखेगा?
जवाब - चंद्र ग्रहण पूरे भारत में दिखने के साथ-साथ, अफ्रीका, एशिया, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में भी देखा जा सकेगा.
2 - किस समय दिखेगा चंद्र ग्रहण ?
जवाब - इस चंद्र ग्रहण की अवधि कुल 4 घंटे 01 मिनट की होगी. भारतीय समय के अनुसार चंद्र ग्रहण 10 जनवरी की रात 10 बजकर 37 मिनट पर शुरू होगा और 11 जनवरी को 2 बजकर 42 मिनट पर समाप्त हो जाएगा.
3 - यह कैसा चंद्र ग्रहण है?
जवाब - साल 2020 का यह पहला उपच्छाया चंद्र ग्रहण (Upchaya Chandra Grahan) है. यह चंद्र ग्रहण 10 जनवरी को लगेगा.
4 - क्या इस ग्रहण में सूतक काल लगेगा?
जवाब - शास्त्रों में उपच्छाया चंद्र ग्रहण को ग्रहण ही नहीं माना जाता है. इसलिए इस ग्रहण में कोई सूतक काल नहीं लगता.
5 - इस ग्रहण को कैसे देख सकते हैं?
जवाब - चंद्र ग्रहण को देखने के लिए किसी विशेष सावधानी की जरूरत नहीं होती है. चंद्र ग्रहण पूरी तरह से सुरक्षित होता है इसलिए आप इसे नंगी आंखों से देख सकते हैं. अगर आप टेलिस्कोप की मदद से चंद्र ग्रहण देखेंगे तो आपको बेहद खूबसूरत नजारा दिखाई देगा.
6 - ग्रहण के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां?
जवाब - चंद्र ग्रहण को नंगी आंखों से देखा जा सकता है, लेकिन यह एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण है जो कि खास सोलर फिल्टर वाले चश्मों (सोलर-व्युइंग ग्लासेस, पर्सनल सोलर फिल्टर्स या आइक्लिप्स ग्लासेस) से ही देखा जा सकेगा. बाकी सावधानियां पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
7. क्या होता है चंद्रग्रहण?
जवाब - जब सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती हुई पृथ्वी एक सीध में अपने उपग्रह चंद्रमा तथा सूर्य के बीच आ जाती है, तो चंद्रमा पर पड़ने वाली सूर्य की किरणें रुक जाती हैं, और पृथ्वी की प्रच्छाया उस पर पड़ने लगती है, जिससे उसका दिखना बंद हो जाता है. इसी खगोलीय घटना को चंद्रग्रहण कहा जाता है.
8. क्या होता है उपच्छाया चंद्र ग्रहण?
जवाब - उपच्छाया चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) तब होता है जब सूरज और चांद के बीच पृथ्वी घूमते हुए आती है, लेकिन वे तीनों एक सीधी लाइन में नहीं होते. ऐसी स्थिति में चांद की छोटी सी सतह पर अंब्र (Umbra) नहीं पड़ती. बता दें, पृथ्वी के बीच के हिस्से से पड़ने वाली छाया को अंब्र (Umbra) कहते हैं. चांद के बाकी हिस्से में पृथ्वी के बाहरी हिस्से की छाया पड़ती है, जिसे पिनम्ब्र या उपच्छाया (Penumbra) कहते हैं.
9. कैसे लगता है चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण
जवाब - असल में यह एक खगोलीय घटना होती है. चंद्र ग्रहण उस खगोलिय घटना को कहा जाता है जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है. वहीं, सूर्य ग्रहण तब माना जाता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से होकर गुजरता.
10. इस ग्रहण को कैसे देख सकते हैं?
जवाब - चंद्र ग्रहण को देखने के लिए किसी विशेष सावधानी की जरूरत नहीं होती है. चंद्र ग्रहण पूरी तरह से सुरक्षित होता है इसलिए आप इसे नंगी आंखों से देख सकते हैं. अगर आप टेलिस्कोप की मदद से चंद्र ग्रहण देखेंगे तो आपको बेहद खूबसूरत नजारा दिखाई देगा.
11. क्या है ग्रहण सूतक काल?
जवाब - शास्त्रों में उपच्छाया चंद्र ग्रहण को ग्रहण ही नहीं माना जाता है. इसलिए इस ग्रहण में कोई सूतक काल नहीं लगता.
12. ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचने के लिए क्या उपाय करें?
जवाब - वैसे तो ग्रहण के पीछे वैज्ञानिक कारण हैं, लेकिन धार्मिक मान्यताओं में ग्रहण का विशेष महत्व है. ग्रहण काल को अशुभ माना गया है. सूतक की वजह से इस दौरान कोई भी धार्मिक कार्य नहीं किया जाता है. धार्मिक मान्यताओं में विश्वास रखने वाले लोग ग्रहण के वक्त शिव चालिसा का पाठ कर सकते हैं. साथ ही ग्रहण खत्म होने के बाद नहाकर गंगा जल से घर का शुद्धिकरण किया जाता है. फिर पूजा-पाठ कर दान-दक्षिणा देने का विधान है.
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