फल और नुकसान- ये दोनों बातें एक साथ शायद किसी को समझ नहीं आती. फलों को हमेशा सेहत बनाने वाला ही माना जाता रहा है. इन फलों को अगर सही समय और सही तरीके से न खाया जाए तो ये नुकसान भी पहुंचा सकते हैं. ये तो कहा ही गया है कि "अति सर्वत्र वर्जयेत्" यानि किसी भी चीज की अति अच्छी नहीं होती. फलों के सेवन पर भी यही बात लागू होती है. एक हद तक फल खाना ठीक है. पर, डाइटिंग के नाम पर या हेल्दी डाइट के नाम पर सिर्फ फल ही फल खाने वालों को इसका नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. फलों में फ्रुक्टोज अच्छी खासी मात्रा में पाया जाता है. जिसका शरीर के अलग अलग अंगों पर प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ सकता है.
लीवर पर असर
फलों से मिलने वाले फ्रुक्टोज की मात्रा ज्यादा होने पर लीवर पर असर पड़ता है. लीवर पर फ्रुक्टोज की वजह से अतिरिक्त फैट जमा होने लगता है. इस समस्या को नॉन अल्कोहलिक फैटी लीवर भी कहा जाता है. इस तरह के फैटी लीवर का प्रमुख कारण फ्रुक्टोज हो सकता है. इतने पर ही लगाम नहीं कसी तो लीवर में सूजन भी आ सकती है.
दिमाग
फ्रुक्टोज की ज्यादा मात्रा असर दिमाग पर भी पड़ता है. भूख शांत करने वाले और ठंडक पहुंचाने वाले फल दिमाग की गर्मी बढ़ा देते हैं जिसकी वजह से दिमाग के काम करने की क्षमता पर भी असर पड़ता है. ज्यादा फ्रुक्टोज की वजह से न्यूरो इंफ्लामेशन, ब्रेन माइटोकॉन्ड्रियल डिसफंक्शन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस तक हो सकता है.
मोटापा और डायबिटीज
अगर शुगर से जुड़ी परेशानी है तो फलों का अत्याधिक सेवन तो किसी हालत में नहीं किया जाना चाहिए. फ्रुक्टोज की मात्रा शरीर में बढ़ने पर न सिर्फ शुगर बल्कि मोटापा भी बढ़ सकता है.
ज्यादा फ्रुक्टोज वाले फल
फलों के ज्यादा सेवन से होने वाले नुकसान तो आप समझ ही गए होंगे. अब ये भी जान लीजिए कि ऐसे कौन कौन से फल हैं जो फ्रुक्टोज को तेजी से बढ़ा सकते हैं. वैसे तो फ्रुक्टोज प्राकृतिक शुगर है पर इसकी ज्यादा मात्रा हानिकारक ही है. कुछ फलों, सब्जियों के अलावा फ्रुक्टोज शहद में भी काफी मात्रा में मौजूद होता है. इन सबके अलावा गन्ना, मक्का, चुकंदर, एप्पल, केला, पाइनएप्पल, अंगूर और खुबानी में भी ये अच्छी मात्रा में मिलता है.
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