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International Day of Happiness 2025: क्यों मनाते हैं इंटरनेशनल डे ऑफ हैपीनेस? हमेशा खुश रहने में मदद करेंगी ये 5 टिप्स

International Day of Happiness 2025: आइए जानते हैं इस खास दिन का इतिहास, महत्व और इस साल इंटरनेशनल डे ऑफ हैपीनेस की थीम, साथ ही जानेंगे हमेशा खुश रहने की कुछ खास टिप्स.

International Day of Happiness 2025: क्यों मनाते हैं इंटरनेशनल डे ऑफ हैपीनेस? हमेशा खुश रहने में मदद करेंगी ये 5 टिप्स
International Day of Happiness: पहली बार साल 2013 में इंटरनेशनल डे ऑफ हैपीनेस मनाया गया था.

International Day of Happiness: हर साल 20 मार्च के दिन को इंटरनेशनल डे ऑफ हैपीनेस के तौर पर सेलिब्रेट किया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को खुशी का महत्व समझाना और मानसिक शांति और संतुष्टि की ओर प्रेरित करना है. आसान भाषा में कहें, तो इंटरनेशनल डे ऑफ हैपीनेस के दिन लोगों की मेंटल हेल्थ और खुशी को प्राथमिकता देने पर जोर दिया जाता है. आइए जानते हैं इस खास दिन का इतिहास, महत्व और इस साल इंटरनेशनल डे ऑफ हैपीनेस की थीम.

इंटरनेशनल डे ऑफ हैपीनेस का इतिहास (International Day of Happiness History)

बता दें कि साल 2011 में यूएन एडवाइजर जेम इलियन ने यूएन की महासभा में हैपीनेस डे को मनाने का प्रस्ताव रखा था. इसके बाद साल 2012 में इसे लेकर पहली जनरल कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई. इस कॉन्फ्रेंस में 20 मार्च को इंटरनेशनल हैपीनेस डे मनाने का प्रस्ताव पारित किया गया, जिसके बाद साल 2013 में यूएन के सभी 193 सदस्य देशों ने दुनिया का पहला इंटरनेशनल डे ऑफ हैपीनेस मनाया. तब से यह खास दिन लगातार हर साल मनाया जा रहा है.

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इंटरनेशनल डे ऑफ हैपीनेस का महत्व (International Day of Happiness Significance)

जैसा कि ऊपर जिक्र किया गया है, इस खास दिन का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में खुशी के महत्व को समझाना और इसे बढ़ावा देना है. यह दिन हमें याद दिलाता है कि खुशी सिर्फ बाहरी चीजों से नहीं, बल्कि हमारे अंदर से आती है. आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अक्सर अपने मानसिक स्वास्थ्य और खुशी को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन इंटरनेशनल डे ऑफ हैपीनेस के माध्यम से हम यह समझ पाते हैं कि खुश रहना ही जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य होना चाहिए.

यह दिन समाज में एक सकारात्मक संदेश फैलाता है कि खुशी हर किसी का अधिकार है और हमें इसे महसूस करने के लिए हर छोटे पल को सराहना चाहिए. इसके अलावा, इस दिन को मनाकर हम मानसिक स्वास्थ्य और खुशी को लेकर जागरूकता भी बढ़ाते हैं.

क्या है इंटरनेशनल डे ऑफ हैपीनेस 2025 की थीम? (International Day of Happiness Theme)

हर साल इस दिन के लिए एक खास थीम निर्धारित की जाती है, जो खुशी के महत्व को और भी अधिक स्पष्ट करती है. वहीं, International Day of Happiness 2025 की थीम 'केयरिंग एंड शेयरिंग' तय की गई है.

खुश रहने के लिए क्या करें?

सकारात्मक सोच अपनाएं

अगर आप खुद को हर परिस्थिति में खुश रखना चाहते हैं, तो इसके लिए सबसे पहले सकारात्मक सोच अपनाएं. खुद को ये याद दिलाएं कि हर कठिनाई का एक समाधान है और बुरा वक्त जल्द ही गुजर जाता है.

खुद के साथ समय बिताएं

लोग जिंदगी की भागदौड़ में खुद के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं, जिससे अक्सर उन्हें तनाव की स्थिति घेर लेती है. ऐसे में खुश रहने के लिए सबसे जरूरी है कि आप खुद को समय दें. इसके लिए आप दिनभर में कभी भी एक छोटी सी सैर के लिए जा सकते हैं, योगा कर सकते हैं या फिर अपनी पसंदीदा किताब पढ़ सकते हैं. जब आप खुद को समय देते हैं तो इससे आपको मानसिक शांति मिलती है, जो खुशी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.

संबंधों को महत्व दें

हमारे रिश्ते हमारी खुशियों का अहम हिस्सा होते हैं. चाहे परिवार हो, दोस्त हों या पार्टनर, अच्छे और सकारात्मक रिश्तों के कारण हम खुशी का अनुभव करते हैं. ऐसे में अपने रिश्तों को भी महत्व दें. अपनों से प्यार और समझदारी से पेश आएं, साथ ही अगर कोई समस्या है भी, तो उसे खुलकर और समझदारी से सुलझाने की कोशिश करें.

मानसिक और शारीरिक सेहत पर ध्यान दें

शरीर और मानसिक स्थिति का एक-दूसरे पर गहरा असर होता है. ऐसे में जब हम शारीरिक रूप से फिट होते हैं, तो मानसिक रूप से भी खुश रहते हैं. इसके लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं. अपने खानपान में हेल्दी बदलाव करें, नियमित व्यायाम करें और मानसिक सेहत का ध्यान रखें.

एक उद्देश्य से जीएं

इन सब से अलग खुश रहने के लिए जीवन में एक उद्देश्य या लक्ष्य होना भी जरूरी है. जब हमारे पास कोई दिशा होती है और हम उस दिशा में काम कर रहे होते हैं, तो हमें संतुष्टि और खुशी मिलती है. ऐसे में अपना लक्ष्य निर्धारित करें और उसे पूरा करने की कोशिश करें.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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