How Much Fart In A Day: किडनी, लिवर और दिल की तरह पेट से जुड़ी दिक्कतों को भी हल्के में नहीं लेना चाहिए. जब पेट ठीक चलता है, तो शरीर की आधे से ज्यादा परेशानियां अपने आप दूर रहने लगती हैं. आज की भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल, बाहर का तला-भुना खाना और गलत रूटीन की वजह से बड़ी संख्या में लोग पाचन से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं. रोज सुबह पेट साफ होना जहां अच्छी सेहत की निशानी माना जाता है, वहीं गैस पास होना भी शरीर की एक बिल्कुल नेचुरल प्रक्रिया है. कई लोग इसे मजाक में लेते हैं, लेकिन फार्ट आना इस बात का संकेत होता है कि आपका डाइजेस्टिव सिस्टम काम कर रहा है.
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फार्ट क्या है और क्यों होता है? (What Is A Fart And Why It Happens)
फार्ट होना शरीर का एक सामान्य और प्नेचुरल प्रोसेस है. जब हम खाना खाते हैं, तो उसे पचाने के दौरान आंतों में अलग-अलग तरह की गैसें बनती हैं. इसके अलावा खाते या पीते समय जो हवा हम निगल लेते हैं, वो भी पेट में पहुंचकर गैस का रूप ले लेती है. इन गैसों में नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन जैसी गैसें शामिल होती हैं, जो समय-समय पर शरीर से बाहर निकलती रहती हैं.
एक दिन में कितनी बार फार्ट आना सामान्य है? (How Many Farts Per Day Are Normal)हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, एक सामान्य व्यक्ति दिन में करीब 10 से 20 बार गैस पास कर सकता है. इसे पूरी तरह नॉर्मल माना जाता है और इसमें घबराने की जरूरत नहीं होती. खास बात ये है कि इनमें से ज्यादातर गैस बिना बदबू के होती है, इसलिए कई बार लोगों को इसका एहसास भी नहीं होता.

अगर किसी व्यक्ति को दिन में 20 से ज्यादा बार गैस पास हो रही है और इसके साथ पेट दर्द, ज्यादा ब्लोटिंग या पेट साफ होने की आदतों में बदलाव महसूस हो रहा है, तो यह डाइजेशन से जुड़ी किसी समस्या का संकेत हो सकता है. ज्यादा गैस बनने की वजह हाई फाइबर फूड जैसे बीन्स, फलियां, ब्रोकोली और पत्ता गोभी का अधिक सेवन, बहुत तेज खाना खाना, खाते समय ज्यादा बात करने से हवा निगलना या फिर जरूरत से ज्यादा स्ट्रेस और चिंता भी हो सकती है.
गैस कम करने के आसान और नेचुरल तरीके (Natural Ways To Reduce Gas)गैस की समस्या से राहत पाने के लिए दिनभर पर्याप्त पानी पीना बहुत जरूरी है, क्योंकि इससे डाइजेशन बेहतर होता है और कब्ज की समस्या भी नहीं होती. कार्बोनेटेड ड्रिंक्स का सेवन कम करना चाहिए, क्योंकि ये पेट में एक्स्ट्रा एयर भर देती हैं और गैस बढ़ा सकती हैं. फाइबर शरीर के लिए जरूरी होता है, लेकिन इसे धीरे-धीरे डाइट में शामिल करना बेहतर रहता है, ताकि पेट उस बदलाव को आसानी से स्वीकार कर सके. प्रोबायोटिक फूड्स जैसे दही गट बैक्टीरिया को संतुलन में रखते हैं, जिससे गैस बनने की समस्या कम होती है. इसके साथ ही रोजाना हल्की एक्सरसाइज या टहलना डाइजेशन को मजबूत बनाता है और पेट फूलने की शिकायत को भी कम करता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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