कहीं आपके शिशु को भी तो नहीं है कब्ज की समस्या, इन घरेलू उपायों से मिलेगी राहत

कुछ बच्चों में सामान्य कब्ज की परेशानी देखी जाती है वहीं कुछ में ये समस्या बड़ा ही भयंकर रूप ले लेती है. ऐसे में आपके मासूम को असहनीय दर्द हो सकता और खून भी आ सकता है. ऐसे में आपको बच्चे के खानपान को लेकर काफी सावधान रखने की जरूरत है

कहीं आपके शिशु को भी तो नहीं है कब्ज की समस्या, इन घरेलू उपायों से मिलेगी राहत

शिशुओं में इस कारण होता है कब्ज, इन चीजों का करें परहेज, अपनाएं ये घरेलू नुस्खे

नई दिल्ली:

बच्चों में कब्ज की समस्या आम बात है. बच्चे जब दूध के अलावा अन्य ठोस आहार लेना शुरू करते हैं तो कब्ज की समस्या होती है. कुछ बच्चों में सामान्य कब्ज की परेशानी देखी जाती है वहीं कुछ में ये समस्या बड़ा ही भयंकर रूप ले लेती है. ऐसे में आपके मासूम को असहनीय दर्द हो सकता और खून भी आ सकता है. ऐसे में आपको बच्चे के खानपान को लेकर काफी सावधान रखने की जरूरत है. छह महीने तक के बच्चों के लिए संपूर्ण पोषण प्रदान करने के लिए सबसे बेहतर होता है मां का दूध, जो बच्चे इस उम्र तक केवल मां का दूध पीते हैं उनके कब्ज होने की संभावना काफी कम होती है. वहीं जो बच्चे मां के दूध की बजाय फार्मूला मिल्क पीते हैं, उनमें कब्ज की समस्या होने की संभावना अधिक होती है. 

दरअसल, मां का दूध बच्चों को बड़े ही आसानी से पच जाता है, जबकि फार्मूला मिल्क पचाने में कुछ मुश्किल होती है. कई बार देखा जाता है कि केवल मां का दूध पीने वाले बच्चे को भी कब्ज की शिकायत हो जाती है, उसका कारण होता है मां का आहार. मां की डाइट में पोषक तत्व शामिल नहीं होंगे तो बच्चे में कब्ज की समस्या होगी. आइये जानते है कि शिशुओं में कब्ज की समस्या किन कारणों से होती है और इस परेशानी से कैसे निजात पाया जा सकता है.

बच्चों में कब्ज के मुख्य कारण

  • बच्चे का खाली पेट रहना. आपको इस बात पर पूरा ध्यान देना है कि शिशु ने आज कितना दूध पिया है. बच्चे का पेट खाली न रहे इस बात का ध्यान दें, उसे पर्याप्त मात्रा में दूध पिलाएं.
  • अगर आप अपने 6 महीने से कम उम्र के बच्चे को फार्मूला मिल्क दे रही हैं तो एक बार इसे बदल कर देखें, बच्चे को कब्ज में आराम मिल सकता है.
  • जब तक आपका बच्चा एक साल का नहीं हो जाता, कोशिश करें कि उसका मुख्य आहार दूध ही हो. अधिक ठोस भोजन लेने से बच्चे को कब्ज की परेशानी हो सकती है.
  • बच्चे के आहार में फलों का जूस, दाल का पानी आदि शामिल करें. पानी की कमी से बच्चे को कब्ज की समस्या होती है.
  • मां यदि सही खान-पान नहीं करती, फाइबर युक्त भोजन नहीं करती तो भी बच्चे को कब्ज की समस्या हो सकती है, क्योंकि बच्चा मां के दूध पर ही निर्भर होता है.

शिशुओं में कब्ज का घरेलू उपचार

  • बच्चा कब्ज से परेशान रहता है तो उसे जीरा, हींग और देसी घी डाल कर दलिया या मूंग दाल की खिचड़ी खिलाएं. 
  • कब्ज के लिए आलूबुखारा बहुत अच्छा होता है, ये कब्ज को काटता है. अपने बच्चे को आलूबुखारा खिलाएं.
  • गाजर कब्ज में बेहद असरदार है. गाजर घिसकर उसे दूध में पकाकर बच्चे को खिलाएं तो कब्ज में आराम मिलेगा.
  • चुटकी भर हींग ले और पानी मिलाकर बच्चे की नाभि के आस-पास रगड़ते हुए लगाएं. इससे भी कब्ज में बच्चा आराम महसूस करेगा.
  • बच्‍चे के पेट की और निचले हिस्से की मालिश जरूर करें, इससे कब्ज में आराम मिलेगा.
  • छह महीने से ऊपर के बच्चों को फल और सब्जियों को उबालकर और पीसकर खिलाएं. सब्जियों में भरपूर फाइबर मिलते हैं, जिससे कब्ज दूर होती है.

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