गर्भावस्था बेहद नाजुक स्थिति होती है. इस दौरान महिलाओं को अपने साथ-साथ अपने गर्भ में पल रहे बच्चे का भी पूरा ध्यान रखना पड़ता है. हाल ही में सामने आए एक अध्ययन में कहा गया है कि जिन महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान हाई बल्ड प्रेशर की शिकायत रहती है, उन्हें भविष्य में दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियां और अवसाद का शिकार होने का खतरा रहता है.
अध्ययन में सामने आया है कि जिन महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप की शिकायत होती है, उनमें सामान्य महिलाओं के मुकाबले दिल की गंभीर बिमारियां होने का खतरा दोगुना तक बढ़ जाता है.
ऐसी महिलाओं में गर्भावस्था के बाद अवसाद का शिकार होने का खतरा पांच गुना तक बढ़ जाता है.
मैकगिल यूनिर्वसिटी की डॉक्टरल कैंडिडेट सोनिया ग्रांडी ने बताया कि यह अध्ययन बताता है कि गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप की शिकायत वाली महिलाओं की लंबे तमय तक निगरानी करने की जरूरत है, ताकि उन्हें दिल की बीमारी के खतरों से समय रहते बचाया जा सके."
गर्भावस्था में खून की कमी: लक्षण, कारण और उपाय...
शोध-पत्रिका 'पेडियाट्रिक एंड पेरिनैटल एपिडीमियोलॉजी' के ताजा अंक में यह अध्ययन प्रकाशित हुआ है.
गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप की शिकायत के कारण प्रीक्लैंपसिया जैसी गंभीर स्थिति का भी सामना करना पड़ सकता है, जो मां और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. यह अध्ययन पहली बार गर्भ धारण करने वाली 1,46,748 महिलाओं पर किया गया.
न्यूज एजेंसी आईएएनएस से इनपुट
अध्ययन में सामने आया है कि जिन महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप की शिकायत होती है, उनमें सामान्य महिलाओं के मुकाबले दिल की गंभीर बिमारियां होने का खतरा दोगुना तक बढ़ जाता है.
ऐसी महिलाओं में गर्भावस्था के बाद अवसाद का शिकार होने का खतरा पांच गुना तक बढ़ जाता है.
मैकगिल यूनिर्वसिटी की डॉक्टरल कैंडिडेट सोनिया ग्रांडी ने बताया कि यह अध्ययन बताता है कि गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप की शिकायत वाली महिलाओं की लंबे तमय तक निगरानी करने की जरूरत है, ताकि उन्हें दिल की बीमारी के खतरों से समय रहते बचाया जा सके."
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शोध-पत्रिका 'पेडियाट्रिक एंड पेरिनैटल एपिडीमियोलॉजी' के ताजा अंक में यह अध्ययन प्रकाशित हुआ है.
गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप की शिकायत के कारण प्रीक्लैंपसिया जैसी गंभीर स्थिति का भी सामना करना पड़ सकता है, जो मां और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. यह अध्ययन पहली बार गर्भ धारण करने वाली 1,46,748 महिलाओं पर किया गया.
न्यूज एजेंसी आईएएनएस से इनपुट
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