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This Article is From Mar 20, 2024

रोजाना करें ये 5 योगासन, बिना किसी दवा के कंट्रोल करें हाई बीपी और लो बीपी

निम्न ब्लड प्रेशर ऐसी स्थिति है, जिसमें किसी शरीर के अंगों में रक्त का प्रवाह अपर्याप्त होता है जिसके परिणामस्वरूप चक्कर आना,बेहोशी,अधिक प्यास लगना,उथली सांस लेना,थकान,सीने में दर्द और मतली जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. 

रोजाना करें ये 5 योगासन, बिना किसी दवा के कंट्रोल करें हाई बीपी और लो बीपी
सबसे पहले आप सीधे खड़े हो जायें और अपने दाहिने पैर को फर्श से उठाएं और शरीर के बाएं पैर पर संतुलित करें.

High blood pressure : हाई ब्लड प्रेशर एक ऐसी स्थिती है, जिसमें हमें लक्षण नहीं दिखाई देते हैं. लेकिन आपके लिए यह एक खतरनाक स्थिति बन सकती है. आपको इसको इग्नोर नहीं करना चाहिए. बता दें कि उच्च ब्लड प्रेशर पर लोगों का ध्यान होता है लेकिन तुलना में निम्न ब्लड प्रेशर पर बहुत कम ध्यान दिया जाता है. निम्न ब्लड प्रेशर को हाइपोटेंशन कहा जाता है. स्वस्थ जीवन के लिए पौष्टिक खानपान के साथ योगासन भी असरदार है. अपने रूटीन में योगासन को शामिल करके निम्न ब्लड प्रेशर को नियंत्रित किया जा सकता है. निम्न ब्लड प्रेशर ऐसी स्थिति है,जिसमें किसी शरीर के अंगों में रक्त का प्रवाह अपर्याप्त होता है जिसके परिणामस्वरूप चक्कर आना, बेहोशी, अधिक प्यास लगना, उथली सांस लेना, थकान, सीने में दर्द और मतली जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. 

निम्न ब्लडप्रेशर में किए जाने वाले योग

सुखासन

इस आसन के लिए आप दंडासन की मुद्रा में दोनों पैरों को फैलाकर सीधी स्थिति में बैठ जाएं फिर दाएं पैर को मोड़कर दाहिनी जांघ के अंदर दबा लें. फिर दाएं पैर को मोड़कर बाईं जांघ के अंदर दबाते हुए हथेलियों को घुटनों पर रखें. इस दौरान रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए सीधी मुद्रा में बैठें.

वज्रासन

सबसे पहले आप अपनी भुजाओं को बगल में रखते हुए धीरे-धीरे घुटनों को नीचे लाएं और चटाई पर घुटनों के बल बैठ जाएं.पैर की उंगलियों को बाहर की ओर रखते हुए श्रोणि को एड़ी पर रखें. हथेलियों को घुटनों के ऊपर रखें अब पीठ सीधी करें और आगे देखें. इसी अवस्था में कुछ देर रुके, बाद में सामान्य स्थिति में आ जाएं.

मलासन

पहले भुजाओं को शरीर के बगल में रखकर सीधे खड़े हो जाएं. फिर घुटनों को मोड़ते हुए श्रोणि को नीचे करें और एड़ी के ऊपर रखें. याद रहे आपका पैर फर्श पर सपाट रहे, फिर हथेलियों को पैरों के पास फर्श पर रखें या छाती के सामने जोड़ें. इस अवस्था में रीढ़ की हड्डी सीधी रहनी चाहिए.

वृक्षासन

सबसे पहले आप सीधे खड़े हो जायें और अपने दाहिने पैर को फर्श से उठाएं और शरीर के बाएं पैर पर संतुलित करें. अपने दाहिने पैर को भीतरी जांघ पर रखें. जितना संभव हो कमर के करीब रखें. फिर पैर को अपनी जगह पर लाने के लिए हथेलियों से सहारा दें. अपना संतुलन बनाने के बाद हथेलियों को हृदय चक्र पर प्रणाम मुद्रा में जोड़ें. अब प्रणाम को ऊपर की ओर ले जाएं. अपनी कोहनियों को सीधा रखें और ध्यान रखें कि आपका सिर भुजाओं के बीच में हो. अपनी श्वास पर ध्यान दें कुछ देर बाद दूसरे पैर से भी दोहराएं.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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