विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Nov 03, 2017

कुत्तों के घेरने पर भागे नहीं, जानिए जब अकेले हों तो कैसे करें अपना बचाव

परामर्श में कहा गया है कि अगर कोई आक्रामक कुत्ता आपके सामने आ जाए तो भागें नहीं या कुत्ते पर चिल्लाएं नहीं.

Read Time: 3 mins
कुत्तों के घेरने पर भागे नहीं, जानिए जब अकेले हों तो कैसे करें अपना बचाव
अगली बार जब आप आक्रामक कुत्तों के झुंड से घिर जाएं तो आप भागे नहीं, बल्कि अपने हाथों को मोड़ कर सीने पर रख लें और कुत्ते की तरफ ना देखें, इससे कुत्तों की आपमें दिलचस्पी खत्म हो जाएगी. श्रीनगर नगर निगम (एसएमसी) ने यह परामर्श जारी किया है. श्रीनगर में कुत्तों का जबरदस्त आतंक है और यहां पिछले तीन वर्षों में तकरीबन 16,000 लोगों को कुत्तों ने काटा है. एसएमसी की शहर में कुत्तों की समस्या को नियंत्रित करने में नाकाम रहने पर अकसर आलोचना होती रहती है.

ऐसे करें बचाव
कई स्थानीय अखबारों में इस संबंध में प्रकाशित परामर्श में एसएमसी ने कई बातों की सूची बनाई है कि क्या करें और क्या नहीं. परामर्श में कहा गया है कि अगर कोई आक्रामक कुत्ता आपके सामने आ जाए तो भागें नहीं या कुत्ते पर चिल्लाएं नहीं. सीधे खड़े रहें, अपने हाथों को मोड़कर सीने पर रखें और कुत्ते के बजाय कहीं ओर देखें, बिल्कुल नहीं घबराएं, कुत्ते को आपके चारों ओर सूंघने दें. इससे उसकी दिलचस्पी आपमें खत्म हो जाएगी और वह आगे बढ़ जाएगा. एसएमसी ने लोगों से कहा है कि वह कुत्तों का सामना करने पर खास तरह की मुद्रा अपनाए.

कैसे करें आक्रामक कुत्तों की पहचान
एसएमसी ने कहा कि किसी आक्रामक कुत्ते की पहचान यह हो सकती है कि उसकी नाक सिकुड़ी हुई होती है जिससे उसके दांत दिखने लगते हैं, गर्दन के नीचे उसके लंबे बाल खड़े हो जाते हैं, उसकी कान पीछे की ओर मुड़ सकते हैं, वह गुर्रा सकता है. किसी कुत्ते में ऐसे संकेत दिखें तो उससे बचें. एसएमसी के पशु चिकित्सक अधिकारी जावेद राठर द्वारा जारी किए परामर्श में कहा गया है कि चार से नौ वर्ष की आयु के बच्चे कुत्तों का अधिक शिकार बनते हैं. बहरहाल, इसमें यह नहीं बताया गया कि कैसे एक बच्चे को कुत्ते के व्यवहार के बारे में पता चलेगा. स्थानीय लोगों ने इस परामर्श का मजाक उड़ाया है.

बच्चों को अकेले ना भेजें
फेसबुक पर सरदार नासिर अली खान ने लिखा कि कुत्ते की समस्या के बारे में कल के अखबार में एसएमसी का परामर्श किसी कॉमिक शो की पटकथा जैसा लग रहा है. बहरहाल, इस परामर्श का बचाव करते हुए पशु चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि यह वैज्ञानिक जांच और दुनियाभर के पशुचिकित्सकों के तथ्यों पर आधारित है. उन्होंने बताया कि सीने को हाथों से ढकना कुत्ते के हमला करने की स्थिति में शरीर के अहम अंग की रक्षा करने के लिए है.

राठर ने कहा कि अभिभावकों को भी सावधान रहने की जरुरत है कि वे अपने बच्चों को आसपास के स्थानों पर कहीं भी अकेले ना भेजें जहां कुत्तों का झुंड घूमता हो.

वीडियो: आंध्र प्रदेश में कुत्तों ने ले ली मासूम बच्चे की जान 

लाइफस्टाइल सेक्शन की अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
योगा एक्सपर्ट से जानिए 1 मिनट में 'हीरो पोज' करने के 6 बड़े फायदे, हाजमा हो जाएगा ठीक
कुत्तों के घेरने पर भागे नहीं, जानिए जब अकेले हों तो कैसे करें अपना बचाव
सेलिब्रिटी डाइटिशियन ऋजुता दिवेकर ने बताया वर्कआउट से पहले कब, क्या और क्यों खाना है जरूरी
Next Article
सेलिब्रिटी डाइटिशियन ऋजुता दिवेकर ने बताया वर्कआउट से पहले कब, क्या और क्यों खाना है जरूरी
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;