नई दिल्ली:
अगर आपको भी हर वक्त चुइंग गम चबाने की आदत है तो इसे तुरंत बदल दें, क्योंकि लगातार इसको खाने से आपके पाचन तंत्र पर इसका असर पड़ सकता है. चुइंग गम से लेकर ब्रेड तक में डाले जाने वाले संरक्षक पदार्थो से छोटी आंत की कोशिकाओं के पोषक पदार्थो के शोषित करने की क्षमता और रोगाणुओं को रोकने की क्षमता में कमी आ सकती है.
शोध के मुताबिक, टाइटेनियम डाईऑक्साइड यौगिक का अंतर्ग्रहण करीब टाला नहीं जा सकता. यह हमारे पाचन तंत्र में टूथपेस्ट के जरिए पहुंच सकता है, जिसमें टाइटेनियम डाईऑक्साइड सफाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है. ऑक्साइड का इस्तेमाल कुछ चॉकलेटों में चिकनाहट लाने के लिए भी किया जाता है.
न्यूयॉर्क के बिंघमटन विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर ग्रेतचेन महलेर ने कहा कि टाइटेनियम ऑक्साइड एक आम खाद्य संरक्षक है और लोग इसे एक लंबे समय से अधिक मात्रा में खाते आ रहे हैं, चिंता मत कीजिए यह आपको मारेगा नहीं, लेकिन हम इसके दूसरे सूक्ष्म प्रभावों में रुचि रखते हैं और समझते हैं कि लोगों को इस बारे में जानना चाहिए.
शोधकर्ताओं ने कोशिका कल्चर मॉडल के जरिए छोटी आंत का अध्ययन किया. चुइंग गम की थोड़ी मात्रा ज्यादा प्रभाव नहीं डालती, लेकिन दीर्घकालिक प्रयोग आंत की कोशिकाओं के अवशोषण के उभारों को कम कर सकती है. इन अवशोषण करने वाले उभारों को माइक्रोविलाई कहते हैं.
माइक्रोविलाई के कम होने से आंत की रोकने की क्षमता कमजोर होगी, उपापचय धीमा होगा और कुछ पोषक पदार्थ, जैसे- आयरन, जिंक और वसा अम्ल का अवशोषण काफी मुश्किल होगा. इस शोध का प्रकाशन पत्रिका 'नैनोइम्पैक्ट' में किया गया है. (एजेंसियों से इनपुट)
शोध के मुताबिक, टाइटेनियम डाईऑक्साइड यौगिक का अंतर्ग्रहण करीब टाला नहीं जा सकता. यह हमारे पाचन तंत्र में टूथपेस्ट के जरिए पहुंच सकता है, जिसमें टाइटेनियम डाईऑक्साइड सफाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है. ऑक्साइड का इस्तेमाल कुछ चॉकलेटों में चिकनाहट लाने के लिए भी किया जाता है.
न्यूयॉर्क के बिंघमटन विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर ग्रेतचेन महलेर ने कहा कि टाइटेनियम ऑक्साइड एक आम खाद्य संरक्षक है और लोग इसे एक लंबे समय से अधिक मात्रा में खाते आ रहे हैं, चिंता मत कीजिए यह आपको मारेगा नहीं, लेकिन हम इसके दूसरे सूक्ष्म प्रभावों में रुचि रखते हैं और समझते हैं कि लोगों को इस बारे में जानना चाहिए.
शोधकर्ताओं ने कोशिका कल्चर मॉडल के जरिए छोटी आंत का अध्ययन किया. चुइंग गम की थोड़ी मात्रा ज्यादा प्रभाव नहीं डालती, लेकिन दीर्घकालिक प्रयोग आंत की कोशिकाओं के अवशोषण के उभारों को कम कर सकती है. इन अवशोषण करने वाले उभारों को माइक्रोविलाई कहते हैं.
माइक्रोविलाई के कम होने से आंत की रोकने की क्षमता कमजोर होगी, उपापचय धीमा होगा और कुछ पोषक पदार्थ, जैसे- आयरन, जिंक और वसा अम्ल का अवशोषण काफी मुश्किल होगा. इस शोध का प्रकाशन पत्रिका 'नैनोइम्पैक्ट' में किया गया है. (एजेंसियों से इनपुट)
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