Diabetes Myths: डायबिटीज में खानपान पर खास ध्यान दिया जाता है. अगर कुछ भी गलत खा लिया जाए तो शरीर का ब्लड शुगर तेजी से बढ़ सकता है. वहीं, ऐसी भी कई चीजे हैं जिन्हें खाने पर शुगर लेवल (Sugar Level) कई हद तक कंट्रोल में रहता है. इसी चलते आएदिन डायबिटीज में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं पर अलग-अलग सुझाव सुनने को मिलते हैं. इन्हीं सुझावों में कुछ मिथक भी हैं जो डायबिटीज के विषय में मशहूर हैं और लोग आंख बंद करके उनपर भरोसा भी करते हैं. आइए जानें इन मिथक की सच्चाई और असल फैक्ट्स (Facts) के बारे में.
डायबिटीज डाइट के मिथक | Diabetes Diet Myths
डायबिटीज में कार्ब्स कई लोगों का ये मानना है कि डायबिटीज (Diabetes) में कार्ब्स का सेवन नहीं करना चाहिए. न्यूट्रिशनिस्ट डॉक्टर बत्रा के अनुसार, कार्ब्स डायबिटीज का दुश्मन नहीं है. आपकी सेहत (Health) इस बात पर निर्भर करती है कि आप किस तरह के कार्ब्स और कितने कार्ब्स का सेवन कर रहे हैं. आप हाई कार्ब्स जैसे वाइट ब्रेड और पास्ता आदि से परहेज करें लेकिन लो कार्ब वाले फूड खाए जा सकते हैं.
फल खानाकई लोगों को लगता है कि डायबिटीज से पीड़ित होने के कारण वे फलों का सेवन नहीं कर सकते हैं. हां, फल नेचुरल शुगर के स्त्रोत होते हैं लेकिन उनमें अनेक पोषक तत्व भी पाए जाते हैं. आपको पूरी तरह से फलों से परहेज करने की जरूरत नहीं है. आप समय-समय पर संभल कर फलों का सेवन कर सकते हैं. फलों के जूस की जगह पूरे फल खाना ज्यादा फायदेमंद है.
फैट का सेवनएक मिथक यह भी है कि डायबिटीज में व्यक्ति जितना चाहे उतना फैट अपनी डाइट में शामिल कर सकता है जबकि आपको सिर्फ हेल्दी फैट्स (Healthy) को ही अपनी डाइट का हिस्सा बनाना चाहिए.
मेडिकेशन में मिठाईएक और चर्चित मिथक है कि मेडिकेशन में मिठाइयां खाई जा सकती हैं. लेकिन, डायबिटीज के मरीजों को मेडिकेशन (Medication) के दौरान भी अपने खानपान पर ध्यान देने की जरूरत होती है और उन्हें सिर्फ वही चीजें अपनी डाइट (Diet) में शामिल करनी चाहिए जो पोषण से भरपूर हों.
आर्टिफिशियल स्वीटनर
बाजार में आर्टिफिशियल स्वीटनर्स की भरमार है. डायबिटीज के मरीजों को इन चीजों से बचना चाहिए क्योंकि ये इंसुलिन को प्रभावित कर सकती हैं, यानी 'शुगर फ्री' लिखी डब्बाबंद चीजों से आपको खासकर दूरी बनाकर रखनी चाहिए.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.