पहले ही प्रयास में कोई सफल नहीं होता, जीवन में आने वाला हर पड़ाव एक नई परीक्षा लेकर आता है. परीक्षा में असफल होना उतना ही स्वाभाविक है जितना सफल होना. ऐसे में किसी भी असफलता से निराश होने या खुद को दुखी कर अवसाद में चले जाना ठीक नहीं है. अक्सर असफलता ही एक बड़ी सफलता का आधार बन जाती है. यही हमें अपने बच्चों को भी सिखाना है. किसी भी परीक्षा में या किसी प्रतियोगिता में असफल हो जाने पर आपको अपने बच्चे को कोसना नहीं है बल्कि उसे और बेहतर करने की सलाह देनी है ताकि जीवन के हर पड़ाव पर वो कुछ नया सीखने के लिए प्रोत्साहित हो.
बच्चे के आत्मविश्वास को दें बढ़ावा
खुद में विश्वास हो तो हम बड़ी से बड़ी मुश्किलों का सामना कर सकते हैं. आत्मविश्वास एक ऐसा गहना है जो हमारी पूरी पर्सनालिटी को खूबसूरत बनाता है. बच्चे में आत्मविश्वास का बीज बोने की जिम्मेदारी माता-पिता की है. इसके लिए आप बच्चे को समय दें उसे समझें. उसे फैसले लेने की आजादी दें लेकिन सही और गलत का अंतर भी बताएं.
बच्चे की कोशिश को सराहें
बच्चा किसी प्रतियोगिता में सफल होता है या असफल इससे कोई फर्क नहीं पड़ता आपको उसकी मेहनत की सराहना करनी चाहिए. उसकी कोशिश की सराहना करें. आप उसे आगे और मेहनत करने और अधिक परिश्रम करने के लिए प्रोत्साहित करें.
कठिन परिस्थितियों के लिए करें तैयार
असफल होने पर हम बच्चे को इतना कमजोर कर देते हैं कि वो फिर कोशिश करने से भी डरता है, ऐसा न करें. बच्चे को खतरे का सामना करने दें. उसे हर परिस्थिति का सामना करने दें. हर छोटी-बड़ी परेशानियों में उसका ढाल बनने की बजाय बस उसका साथ दें. हर कठिन हालात से निपटने के लिए उसे खुद तैयार होने का मौका दें, तभी वो असफलता को सफलता में बदल पाएगा.
बच्चे को अच्छा माहौल दें
बच्चे को एक अच्छा माहौल देना माता-पिता का जिम्मेदारी है. असफल होने पर बच्चे को मोटिवेट करने की कोशिश करें. उसे अच्छी-अच्छी, प्रेरणादायक कहानियां बताएं, महापुरुषों की जीवनी पढ़ने को दें. स्वामी विवेकानंद, डॉ अब्दुल कलाम जैसे महापुरुषों के विचार उन्हें पढ़ कर बताएं.
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