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This Article is From May 19, 2017

बचपन से रहे हैं मोटापे का शिकार, तो हो सकते हैं डिप्रेशन से पीड़ित

एक नए शोध में अध्ययनकर्ताओं ने यह पाया है कि आठ और 13 साल की आयु में मोटापा जीवन की किसी अवधि में अवसाद के विकास के तीन गुना जोखिम से संबंधित है.

बचपन से रहे हैं मोटापे का शिकार, तो हो सकते हैं डिप्रेशन से पीड़ित
अगर आपका बच्चा अधिक वजनी है या कम उम्र से ही मोटापे से पीड़ित है तो सतर्क हो जाएं, क्योंकि कम उम्र का मोटापा जीवन भर के लिए अवसाद का कारण बन सकता है. एक नए शोध में अध्ययनकर्ताओं ने यह पाया है कि आठ और 13 साल की आयु में मोटापा जीवन की किसी अवधि में अवसाद के विकास के तीन गुना जोखिम से संबंधित है.

शोध के दौरान पता चला कि बच्चे और एक वयस्क के रूप में जीवन की दोनों अवधियों में इस रोग से ग्रस्त रहने वालों को केवल वयस्कावस्था में इस समस्या का सामना करने वालों की तुलना में अवसाद होने की चौगुनी संभावना होती है.

व्रीजे यूनिवसिर्टी एम्सटरडम के देबोराह गिब्सन-स्मिथ ने बताया, ‘हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि कुछ मौलिक चीजें बचपन के अधिक वजन या मोटापा को अवसाद से जोड़ती हैं. आनुवांशिक जोखिम या आत्मसम्मान की कमी भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकती है, जो अक्सर उन लोगों में होती है, जो आदर्श शरीर के प्रकार के अनुरूप नहीं होते हैं.’

इस शोध के लिए अध्ययनकर्ताओं के दल ने 889 प्रतिभागियों का आकलन किया था. यह निष्कर्ष पुर्तगाल में आयोजित यूरोपियन कांग्रेस ऑन ओबेसिटी कार्यक्रम में प्रस्तुत किया गया था.

न्‍यूज एजेंसी आईएएनएस से इनपुट

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