विज्ञापन
This Article is From Feb 01, 2018

इस कैंसर से हर साल 75 हज़ार भारतीय महिलाओं की हो रही है मौत, 16 से 30 साल को ज़्यादा खतरा

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण हैं अनियमित माहवारी या संभोग के बाद योनि से असामान्य खून बहना, पीठ, पैर या पेडू में दर्द, थकान, वजन कम होने या भूख न लगना और योनि से दुर्गन्ध वाला स्राव.

इस कैंसर से हर साल 75 हज़ार भारतीय महिलाओं की हो रही है मौत, 16 से 30 साल को ज़्यादा खतरा
सर्वाइकल कैंसर से 16 से 30 साल तक की महिलाओं को ज्यादा खतरा
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
8.04 फीसदी महिलाएं एचपीवी से संक्रमित
स्तन कैंसर के बाद सर्वाइकल कैंसर मौत का दूसरा प्रमुख कारण
अनियमित माहवारी इसका लक्षण
नई दिल्ली: क्या आपको मालूम है कि भारतीय महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौत का सबसे आम कारण सर्वाइकल कैंसर है? जी हां, एक रिसर्च के मुताबिक 16 से 30 वर्ष की महिलाओं को सबसे ज़्यादा सर्वाइकल कैंसर का खतरा रहता है और इससे हर साल लगभग 75 हज़ार महिलाओं की मौतें भी होती हैं. 

महिलाओं में आम तौर पर पाया जाने वाला एचपीवी (ह्यूमन पेपीलोमा वायरस) जल्दी ठीक हो जाता है लेकिन गंभीर रूप लेने पर सर्वाइकल कैंसर का कारण बनता है. एक हालिया सर्वे में इसका खुलासा किया गया है. एसआरएल डायग्नोस्टिक्स ने सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग में एचपीवी परीक्षण के पूर्वव्यापी विश्लेषण में पाया गया है कि 16 से 30 साल (14 फीसदी) आयु वर्ग की महिलाओं में एचपीवी उच्चतम स्तर पर था जिसमें सर्वाइकल कैंसर की संभावना भी उच्च थी. 

क्या होता है सर्वाइकल कैंसर? कैसे करें इसे ठीक

इसके बाद 61 से 85 वर्ष (8.39 फीसदी) आयु वर्ग की महिलाओं का स्थान था. वैश्विक मानक पद्धति-हाइब्रिड कैप्चर का उपयोग कर 2013 से 2017 के बीच देश भर में 3,000 से अधिक महिलाओं का उच्च जोखिम एचपीवी संक्रमण के लिए परीक्षण किया गया. कुल मिलाकर, 8.04 फीसदी महिलाओं में एचपीवी संक्रमण दिखा. 

नॉर्मल डिलीवरी चाहती हैं तो अपनाएं ये 7 Tips, नहीं करवाना पड़ेगा ऑपरेशन

वैश्विक स्तर पर सर्वाइकल कैंसर से होने वाली मौतों के एक तिहाई मामले भारत में पाए जाते हैं. भारत में सर्वाइकल कैंसर के 1,32,000 मामलों का प्रतिवर्ष निदान किया जाता है और इस दौरान 74,000 मामलों में मौत हो जाती है. स्तन कैंसर के बाद सर्वाइकल कैंसर मौत का दूसरा प्रमुख कारण है.

क्‍या होता है इरेक्टाइल डिसफंक्शन? जान‍ि‍ए इससे न‍िपटने के 5 आसान तरीके

सर्वाइकल कैंसर एक महिला के जीवन के प्रजनन काल की शुरुआत में भी हो सकता है. धूम्रपान, असुरक्षित यौन संबंध, कई बच्चे होने, गर्भनिरोधक गोलियों का लंबे समय तक उपयोग करने के साथ ही एचआईवी और एचपीवी संक्रमण सर्वाइकल कैंसर के विकास के कारक हो सकते हैं. 

प्रेग्‍नेंसी के दौरान सेक्‍स: जानिए क्‍या है सच्‍चाई और क्‍या है झूठ?

अनियमित माहवारी या संभोग के बाद योनि से असामान्य खून बहने पर, पीठ, पैर या पेडू में दर्द होने पर, थकान, वजन कम होने या भूख न लगने, योनि से दुर्गन्ध वाला स्राव होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. यह सर्वाइकल कैंसर का प्राथमिक लक्षण हो सकता है.

नॉर्मल नहीं C-Section से पैदा हो रहे हैं बच्चे, जानें क्यों महिलाएं चुन रही हैं सिजेरियन डिलीवरी

एसआरएल डायगनोस्टिक के 24 रेडियोलॉजी व इमेजिंग केंद्र, एनएबीएल से मान्यता प्राप्त 40 प्रयोगशालाएं, 4 कैप से मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाएं और 6316 संग्रह केंद्र हैं. इसकी प्रयोगशालाएं दुबई, श्रीलंका और नेपाल में भी हैं. 

INPUT - IANS

देखें वीडियो - सर्वाइकल कैंसर से ऐसे बचें
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे: