
Benefits Of Walking Yoga: क्या आपने कभी वॉकिंग और योग के कॉम्बिनेशन के बारे में सुना है? अगर नहीं, तो आइए हम आपको वॉकिंग योग (Walking Yoga Ke Fayde) के बारे में विस्तार से बताते हैं. यह एक ऐसी हेल्दी एक्टिविटी है जिसे आप चलते-चलते कर सकते हैं. इसे करने के लिए न आपको जिम (Gym Kya Savdhaniya Rakhen) जाने की जरूरत है और न ही किसी स्पेशल इक्विपमेंट की. बस आपको अपने कदमों और सांसों के तालमेल पर ध्यान देना है. खास बात ये है कि इस वर्कआउट में योग (Yog Karne Ka Sahi Samay) के फायदे भी मिलते हैं वॉकिंग के फायदे भी शामिल होते हैं.
वॉकिंग योग क्या है? (What Is Walking Yoga)
वॉकिंग योग, पारंपरिक योग और वॉकिंग का एक यूनिक कॉम्बिनेशन है. इसमें आप चलते-चलते योग के कुछ आसान पोज और ब्रीदिंग एक्सरसाइज कर सकते हैं. यह एक्टिविटी न केवल शरीर को फिट रखती है, बल्कि दिमाग को भी शांत और रिलैक्स करती है.
योग एक्सपर्ट बताते हैं कि वॉकिंग योग एक ऐसा अभ्यास है जिसे कहीं भी और कभी भी किया जा सकता है. इसमें आपको हर कदम के साथ अपनी सांस पर फोकस करना है.

कैसे अलग है वॉकिंग योग नॉर्मल योग से? (How Walking Yoga Is Different From Normal Yoga)
1. नॉर्मल योगा में आप एक मैट पर स्थिर रहकर योग के पोज करते हैं. इसमें आपका ध्यान स्थिरता और सांसों के कंट्रोल पर होता है.
2. जबकि वॉकिंग योग में आपको चलते-चलते ये सब करना होता है. आप अपने हर कदम के साथ सांस को सिंक करते हैं. जैसे – चार कदम के दौरान सांस अंदर लें और अगले चार कदम के दौरान सांस बाहर छोड़ें. इस प्रक्रिया को बार-बार दोहराएं.
3. इससे आपका शरीर तो मूवमेंट में रहता ही है, साथ ही माइंड भी शांत होता है. इसे आप किसी भी ओपन स्पेस, गार्डन या फिर अपने घर के कॉरिडोर में कर सकते हैं.
वॉकिंग योग के फायदे
1. मसल्स को स्ट्रॉन्ग बनाता है:
वॉकिंग योग करने से आपकी मसल्स एक्टिव रहती हैं. चलते-चलते जब आप सांस और मूवमेंट को मिलाते हैं, तो यह आपके मसल्स को स्ट्रेच और स्ट्रेंथ देता है.
2. स्ट्रेस को करता है कम:
इसमें सांसों पर फोकस करना होता है. जब आप अपनी सांसों को नियंत्रित करते हैं, तो ये आपके दिमाग को रिलैक्स करता है. तनाव और चिंता से राहत मिलती है.
3. मेंटल क्लैरिटी:
जब आप वॉकिंग योग करते हैं, तो आपका फोकस वर्तमान क्षण पर रहता है. इससे माइंडफुलनेस बढ़ती है और आपका ध्यान भटकता नहीं है.
4. फिजिकल फिटनेस:
यह एक बेहतरीन कार्डियो एक्सरसाइज है. जब आप चलते हैं और साथ ही अपनी सांसों पर कंट्रोल रखते हैं, तो इससे हार्ट हेल्थ भी इंप्रूव होती है.
5. ब्रीदिंग अवेयरनेस:
इस अभ्यास के दौरान आप अपनी सांसों को गिनते हैं. इससे आप धीरे-धीरे अपनी ब्रीदिंग पैटर्न को समझते हैं और उसे बेहतर बनाते हैं.
कैसे करें वॉकिंग योग?
1. वार्मअप करें:
वॉकिंग योग शुरू करने से पहले 5 मिनट तक नॉर्मल वॉक करें. इससे बॉडी गर्म हो जाएगी और मूवमेंट के लिए तैयार हो जाएगी.
2. सांसों का तालमेल बनाएं:
चार कदम चलते हुए धीरे-धीरे सांस अंदर लें. फिर अगले चार कदम चलते हुए धीरे-धीरे सांस छोड़ें. इस प्रक्रिया को कम से कम 10 मिनट तक करें.
3. हाथों को मूव करें:
चलते हुए अपने दोनों हाथों को कंधे के स्तर पर उठाएं. फिर धीरे-धीरे उन्हें नीचे लाएं. इस मूवमेंट को 10-15 बार दोहराएं.
4. स्पाइन को सीधा रखें:
चलते समय अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें. कंधे रिलैक्स रखें और ठोड़ी को हल्का ऊपर उठाएं.
5. वॉकिंग मेडिटेशन:
अब अपनी आंखें बंद करें (अगर आप सेफ प्लेस में हैं) और सिर्फ अपनी सांसों पर ध्यान दें. इस दौरान किसी भी डिस्ट्रैक्शन को इग्नोर करें.
कब और कहां करें वॉकिंग योग?
• सुबह के समय: सुबह का समय सबसे अच्छा होता है. इस वक्त हवा ताजा रहती है और वातावरण शांत होता है.
• गार्डन या पार्क में: यहां आप नेचर के करीब रहेंगे और ताजगी का अहसास होगा.
• छत या कॉरिडोर: अगर आपके पास बाहर जाने का समय नहीं है, तो घर की छत या कॉरिडोर में भी वॉकिंग योग कर सकते हैं.
• ऑफिस ब्रेक के दौरान: अगर आपका काम बैठने वाला है, तो हर 2-3 घंटे के बाद 5 मिनट का वॉकिंग योग जरूर करें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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