Barish Shayari: बारिश का मौसम दस्तक दे चुका है और जैसे-जैसे रिमझमि बारिश गिरती है वैसे-वैसे मौसम और मन दोनों में ही लहरें उठने लगती हैं, फुहार आ जाती है. बरसात के मौसम (Rainy Season) में किसी का घूमने का मन करता है तो कोई घर पर चाय और पकौड़ों का मजा लेना चाहता है, वहीं अपने दिल का हाल बयां करने के लिए भी बरसात का मौसम परफेक्ट जान पड़ता है. ऐसे में यहां कुछ उम्दा शेर-शायरी (Sher Shayari) दिए गए हैं जिन्हें आप भी किसी खास को बरसात के मौसम में भेज सकते हैं. क्या पता इन बूंदों के जरिए आप वो कह दें जो कहने से डरते हों. अपने दोस्तों या जानने वालों को भी भेजी जा सकती हैं ये शायरी.
इस तरह से बालों पर लगाकर देख ली कॉफी तो मुलायम होने लगते हैं बाल, स्कैल्प भी रहती है साफ
बारिश में भेजने के लिए शायरी
धूप सा रंग है और खुद है वो छाँवो जैसा
उसकी पायल में बरसात का मौसम छनके
- क़तील शिफ़ाई
धूप ने गुज़ारिश की
एक बूँद बारिश की
- मोहम्मद अल्वी
दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था
इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था
- क़तील शिफ़ाई
बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने
किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है
- निदा फ़ाज़ली
साथ बारिश में लिए फिरते हो उस को 'अंजुम'
तुम ने इस शहर में क्या आग लगानी है कोई
- अंजुम सलीमी
याद आई वो पहली बारिश
जब तुझे एक नज़र देखा था
- नासिर काज़मी
ओस से प्यास कहाँ बुझती है
मूसला-धार बरस मेरी जान
- राजेन्द्र मनचंदा बानी
भीगी मिट्टी की महक प्यास बढ़ा देती है
दर्द बरसात की बूँदों में बसा करता है
- मरग़ूब अली
गुनगुनाती हुई आती हैं फ़लक से बूँदें
कोई बदली तिरी पाज़ेब से टकराई है
- क़तील शिफ़ाई
घटा देख कर ख़ुश हुईं लड़कियाँ
छतों पर खिले फूल बरसात के
- मुनीर नियाज़ी
कोई कमरे में आग तापता हो
कोई बारिश में भीगता रह जाए
- तहज़ीब हाफ़ी
आने वाली बरखा देखें क्या दिखलाए आँखों को
ये बरखा बरसाते दिन तो बिन प्रीतम बे-कार गए
- हबीब जालिब
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