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This Article is From Apr 12, 2022

सफलता के लिए बच्चों को सिखाएं खुद के फैसले लेना, ये 5 टिप्स आएंगे काम

Parenting Tips: खुद के फैसले लेने आने से बच्चों को जीवन में कभी किसी पर निर्भर नहीं होना पड़ता. माता-पिता छोटी उम्र से ही बच्चों में इस कौशल के विकास के लिए प्रयास कर सकते हैं.

सफलता के लिए बच्चों को सिखाएं खुद के फैसले लेना, ये 5 टिप्स आएंगे काम
Parenting Tips: इन टिप्स की मदद से माता-पिता बच्चों में फैसले लेने की आदत डाल सकते हैं.

Parenting: एक कौशल जो बच्चों में विकसित होना बहुत जरूरी है वो है डिसिजन मेकिंग यानी खुदके फैसले लेने का कौशल. सही फैसले लेने का कौशल (Skills) अगर सही उम्र में हासिल हो जाए तो बच्चों को जीवन में सफल होने में काफी मदद मिलती है. ये बच्चों को जिम्मेदार और स्वतंत्र बनने और इंपल्सिव बिहेवियर को कंट्रोल करने में मदद करता है. इंपल्सिव बिहेवियर का मतलब है जब आप परिणामों के बारे में सोचे बिना तुरंत कोई कदम उठाते हैं. बच्चों में सही फैसले लेने के कौशल को विकसित करने में माता-पिता की भूमिका काफी अहम है.

कई माता-पिता (Parents) अपने बच्चों को लेकर ओवर प्रोटेक्टिव होते हैं और उन्हें जिम्मेदारी देने के बजाय खुद ही उनके काम करने लगते हैं. इससे ये बच्चे भविष्य में कोई भी फैसला लेने के लिए दूसरों पर निर्भर बन सकते हैं. ऐसे में यहां हम आपको कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप अपने बच्चे में इस कौशल को विकसित कर सकते हैं.

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बच्चों को अपने निर्णयों में शामिल करें और उनसे सलाह मांगें. जैसे आप अपने बच्चे से पूछ सकते हैं, 'मैं अपने फिटनेस एक्टिविटी के लेवल को बढ़ाने के लिए यह तय करने की कोशिश कर रहा हूं कि मुझे जिम जॉइन करना चाहिए या योगा क्लास. आपको क्या लगता है कि मुझे क्या करना चाहिए?' इसके बाद मिले हर सजेशन पर उसके फायदे और नुकसान के बारे में बात करें .


बच्चों को अपनी स्ट्रेंथ और वीकनेस में अंतर करना सिखाया जाना चाहिए. हार और असफलताओं को स्वीकार करना, सीखना और उसके बाद लिए जाने वाले निर्णय बच्चों (Children) के लिए आवश्यक हैं. हार स्वीकार नहीं कर पाने से बच्चों के मनोबल पर बहुत बुरा असर पड़ता है और सही फैसले लेने की क्षमता विकसित होने में परेशानी आ सकती है. इसलिए जरूरी है कि बच्चे हार स्वीकार करना भी सीखें.


गलतियां बच्चों को अहम सबक सिखाती हैं. गलती से मिला अनुभव उन्हें भविष्य के फैसलों के लिए तैयार करता है. ये उन्हें सिखाता है कि गलती को दोहराने से क्या असर होगा. इसलिए माता-पिता के रूप में, आपको अपने बच्चे को संभावित नुकसान से बचाने के बजाय गलतियां करने देना चाहिए.


आपको अपने बच्चे को प्रेरित करना चाहिए और उसकी रुचियों का पता लगाने में उसकी मदद करनी चाहिए. उसकी रुचि से जुड़े सफल लोगों के उदाहरण उसे बताने चाहिए. इससे वह समझ पाएगा कि कड़ी मेहनत और समर्पण सफलता की कुंजी है और यह उसके डिसिजन मेकिंग स्किल को भी मजबूत करेगा.


वास्तविक दुनिया आपके बच्चे की सबसे अच्छी शिक्षक साबित हो सकती है. यदि आप अपने बच्चे को यह समझाना चाहते हैं कि किसी विशेष कार्य के परिणाम बुरे हैं, तो आपको बच्चे को जीवंत उदाहरण दिखाना चाहिए. इससे वो समझ पाएगा कि किस काम के क्या परिणाम हो सकते हैं. ये उसकी फैसले लेने की क्षमता को विकसित करेगा.

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