याद रखें कि रिज्यूमे में बड़े-बड़े दावे न करें.
अक्सर कुछ लोग जब नौकरी के लिए जाते हैं, तो इंटरव्यू में उनका रिज्यूमे देखते ही एक दो सवाल कर उन्हें वापस भेज दिया जाता है. या फिर रिज्यूमे शेयर करने के बाद भी कई बार कॉल आते ही नहीं. कभी-कभी ऐसा भी होता है कि इंटरव्यू के दौरान रिज्यूमे पर इतनी बातें उलझ जाती हैं कि हाथ आई नौकरी निकल जाती है. अक्सर हम समझ नहीं पाते कि इसकी वजह क्या रही और क्यों इतना अच्छा अनुभव और अकेडमिक होने के बावजूद हम सिलेक्ट नहीं हुए. तो कमी होती है रिज्यूमे में.
जी हां, नौकरी देने वाला आपसे पहले आपका रिज्यूमे देखता है और उसके बाद वह आपके बारे में एक राय कायम करता है. आपका पूरा इंटरव्यू इस राय को सही या गलत साबित करने का ही खेल होता है. ऐसे में जरूरी यह हो जाता है कि जो पहली राय कामय हो वही सही और सकारात्मक हो. इसके लिए जरूरी कि अपना रिज्यूमे बनाते समय आप कुछ बातों का खास ख्याल रखें-
गैर जरूरी अनुभव
अक्सर हम रिज्यूमे को बड़ा बनाने के चक्कर में उसमें गैर जरूरी वर्क अनुभव भी ड़ाल देते हैं. ऐसे अनुभव को अपने रिज्यूमे में न लिखें, जिसका उस कंपनी या फिल्ड से दूर-दूर तक कोई लेना देना न हो. जैसे अगर आपने कभी पार्ट टाइम डेटा एंट्री का काम किया है और आप एक वेब डेवलपर की पोस्ट के लिए अप्लाइ कर रहे हैं, तो जरूरी नहीं कि आप इस अनुभव को शेयर करें.
जरा क्रियटिव हो जाएं
सीधा सपाट रिज्यूमे बना देना भी कोई गलत नहीं. लेकिन अगर आप क्रिएटिव फिल्ड से हैं, तो क्यों न आप रिज्यूमे के जरिए अपनी क्रिएटिवनेस दिखाएं. वो कहते हैं न कि काम बोलता है, तो इससे पहले कि इंटरव्यू में आपको बोलकर बताना पड़े अपने बारे में या अपनी क्रिएटिवनेस के बारे में, क्यों न उन्हें इसे एक नजर देखने का मौका भी दिया जाए.
नो नकल
इस बात का ध्यान रखें कि आप अपना रिज्यूमे खुद बनाएं. इसमें नकल के लिए स्कोप कतई न रखें. कई बार हम किसी दोस्त या खुद से सीनियर का रिज्यूमे कॉपी कर लेते हैं. यह ठीक नहीं है. अपना रिज्यूमे खुद बनाएं और इसमें अपनी भाषा का इस्तेमाल करें.
नो मोर बड़े-बड़े दावे...
याद रखें कि रिज्यूमे में बड़े-बड़े दावे न करें. रिज्यूमे में बस अपने अुनभव और योग्यताएं ही बताएं. दावे करने के लिए यह सही जगह नहीं. इंटरव्यू के दौरान अगर वह आपको दावों और आपकी योग्यता से जुड़े सवाल पूछेंगे, तो इंटरव्यू की दिशा किसी ओर तरफ जा सकती है.
गलती से भी न हो गलती
कभी कभी हम रिज्यूमे में कुछ शब्दों को या भाषा को गलत तरीके या टेंस के साथ लिख देते हैं. यह गलती आपके लिए महंगी पड़ सकती है. रिज्यूमे ही कंपनी के सामने आपका फर्स्ट इंप्रेशन बनाता है. अगर उसमें गलतियां होंगी, तो आपके अकेडमिक पर उंगलियां उठ सकती हैं.
रिज्यूमे छोटा रखें
कोशिश करें कि आपका रिज्यूमे छोटा ही हो. लेकिन छोटे का मतलब यह कतई नहीं कि आप अहम जानकारी उसमें न ड़ालें. जो चीजें काटी जा सकती हैं या कम शब्दों में कही जा सकती हैं उन्हें कम शब्दों में ही पेश करें. सीधा, सटीक रिज्यूमे इंटरव्यू लेने वाले के लिए पढ़ना भी सरल होगा.
जी हां, नौकरी देने वाला आपसे पहले आपका रिज्यूमे देखता है और उसके बाद वह आपके बारे में एक राय कायम करता है. आपका पूरा इंटरव्यू इस राय को सही या गलत साबित करने का ही खेल होता है. ऐसे में जरूरी यह हो जाता है कि जो पहली राय कामय हो वही सही और सकारात्मक हो. इसके लिए जरूरी कि अपना रिज्यूमे बनाते समय आप कुछ बातों का खास ख्याल रखें-
गैर जरूरी अनुभव
अक्सर हम रिज्यूमे को बड़ा बनाने के चक्कर में उसमें गैर जरूरी वर्क अनुभव भी ड़ाल देते हैं. ऐसे अनुभव को अपने रिज्यूमे में न लिखें, जिसका उस कंपनी या फिल्ड से दूर-दूर तक कोई लेना देना न हो. जैसे अगर आपने कभी पार्ट टाइम डेटा एंट्री का काम किया है और आप एक वेब डेवलपर की पोस्ट के लिए अप्लाइ कर रहे हैं, तो जरूरी नहीं कि आप इस अनुभव को शेयर करें.
जरा क्रियटिव हो जाएं
सीधा सपाट रिज्यूमे बना देना भी कोई गलत नहीं. लेकिन अगर आप क्रिएटिव फिल्ड से हैं, तो क्यों न आप रिज्यूमे के जरिए अपनी क्रिएटिवनेस दिखाएं. वो कहते हैं न कि काम बोलता है, तो इससे पहले कि इंटरव्यू में आपको बोलकर बताना पड़े अपने बारे में या अपनी क्रिएटिवनेस के बारे में, क्यों न उन्हें इसे एक नजर देखने का मौका भी दिया जाए.
नो नकल
इस बात का ध्यान रखें कि आप अपना रिज्यूमे खुद बनाएं. इसमें नकल के लिए स्कोप कतई न रखें. कई बार हम किसी दोस्त या खुद से सीनियर का रिज्यूमे कॉपी कर लेते हैं. यह ठीक नहीं है. अपना रिज्यूमे खुद बनाएं और इसमें अपनी भाषा का इस्तेमाल करें.
नो मोर बड़े-बड़े दावे...
याद रखें कि रिज्यूमे में बड़े-बड़े दावे न करें. रिज्यूमे में बस अपने अुनभव और योग्यताएं ही बताएं. दावे करने के लिए यह सही जगह नहीं. इंटरव्यू के दौरान अगर वह आपको दावों और आपकी योग्यता से जुड़े सवाल पूछेंगे, तो इंटरव्यू की दिशा किसी ओर तरफ जा सकती है.
गलती से भी न हो गलती
कभी कभी हम रिज्यूमे में कुछ शब्दों को या भाषा को गलत तरीके या टेंस के साथ लिख देते हैं. यह गलती आपके लिए महंगी पड़ सकती है. रिज्यूमे ही कंपनी के सामने आपका फर्स्ट इंप्रेशन बनाता है. अगर उसमें गलतियां होंगी, तो आपके अकेडमिक पर उंगलियां उठ सकती हैं.
रिज्यूमे छोटा रखें
कोशिश करें कि आपका रिज्यूमे छोटा ही हो. लेकिन छोटे का मतलब यह कतई नहीं कि आप अहम जानकारी उसमें न ड़ालें. जो चीजें काटी जा सकती हैं या कम शब्दों में कही जा सकती हैं उन्हें कम शब्दों में ही पेश करें. सीधा, सटीक रिज्यूमे इंटरव्यू लेने वाले के लिए पढ़ना भी सरल होगा.
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