
Water prize 2025: भारत के लिए गर्व का पल तब आया जब पुणे के मशहूर जल वैज्ञानिक डॉ. हिमांशु कुलकर्णी को दुनिया का सबसे बड़ा और प्रतिष्ठित वॉटर प्राइज मिला. ये उपलब्धि खास इसलिए भी है क्योंकि करीब 16 साल बाद किसी भारतीय को ये सम्मान मिला है. पानी और जल संरक्षण पर लगातार काम करने वाले डॉ. कुलकर्णी को ये सम्मान उनकी अनोखी सोच और सालों की मेहनत के लिए दिया गया है. इस जीत के साथ उन्होंने न सिर्फ खुद का नाम ऊंचा किया बल्कि पूरे भारत को गौरवान्वित कर दिया.
कौन हैं डॉ. हिमांशु कुलकर्णी?
डॉ. कुलकर्णी पिछले कई दशकों से पानी और ज़मीन के नीचे मौजूद जलस्त्रोत यानी ग्राउंडवॉटर पर रिसर्च कर रहे हैं. वो लगातार लोगों को जागरूक करने और पानी बचाने के नए तरीके खोजने में जुटे रहते हैं. उनका मानना है कि अगर पानी की सही देखभाल नहीं की गई तो आने वाली पीढ़ियों को बड़ा संकट झेलना पड़ सकता है.
क्यों मिला ये बड़ा सम्मान
इस प्राइज के लिए दुनियाभर से नाम आते हैं, लेकिन डॉ. कुलकर्णी को इसलिए चुना गया क्योंकि उन्होंने पानी से जुड़े असली मुद्दों पर काम किया और उसके सॉल्यूशन भी निकाले. उनकी रिसर्च और मॉडल्स को कई देशों ने अपनाया है. यही वजह है कि उन्हें ये अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिला.
भारत के लिए गर्व की बात
इस जीत के साथ भारत ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि हमारे वैज्ञानिक और रिसर्चर दुनिया में किसी से कम नहीं हैं. पानी जैसी अहम समस्या पर भारतीय एक्सपर्ट को ये सम्मान मिलना हमारे देश के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है.
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