Personality Development Tips: छोटी-छोटी बहस को कई बार हमने झगड़ते में बदलते देखा है. न चाहते हुए भी हम कई बार बहस में उलझ जाते हैं और उसके बाद बहस कब झगडे में बदल जाती है पता ही नहीं लगता. यदि बहस के दौरान दिमाग को शांत रखा जाए तो झगड़े जैसी स्थिति उत्पन्न होने की संभावना कम हो जाती है. बहस के दौरान को खुद को शांत रखना बेहद मुश्किल काम होता है. आज पर्सनालिटी डेवलपमेंट के इस आर्टिकल में हम आपके लिए ऐसे आसान टिप्स लेकर आए हैं जिनको फॉलो करके आप अपने गुस्से पर काबू पा सकते हैं और अपने दिमाग को शांत रख सकते हैं.
आवाज धीमी रखकर बात करें - बहस का झगडे में बदलने का एक प्रमुख कारण होता है आवाज का जोर से होना. आवाज उंची होने का मतलब है कि अब आपके अंदर गुस्सा भर रहा है, इसलिए बात करते समय इस बात का ध्यान रखें कि आपकी आवाज धीमी हो. यदि आपके सामने वाला व्यक्ति जोर से बात करे तब भी आपको शांत रहना है, थोड़ी देर में वो खुद ही अपनी आवाज धीमी कर लेगा.
सामने वाले के नजरिए को समझने की कोशिश करें - जब भी किसी से बात कर रहे हों तो सामने वाले के बातों को भी समझने का प्रयास करें. कई बार ऐसा होता है कि बहस के दौरान हमे यह लगने लगता है कि हम जो कह रहे हैं वही सही है और सामने वाला गलत.
पहले सोचें फिर बोलें - सोच कर बोलने से कई परेशानियों का हल निकल जाता है, इसलिए जब भी बात करें तो पहले मन में सोचें कि आप क्या बोलने जा रहे हैं और उसका सामने वाले पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है. जब आप सोचकर बोलते हैं तो झगड़े वाली परिस्थिति उत्पन्न नहीं हो पाती है.
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बहस ख़त्म करने के लिए समाधान जरूरी है - यदि आप बहस को आगे नहीं बढ़ाना चाहते और जल्दी से ख़त्म करना है तो इसके लिए खुद को सही साबित करने से अधिक महत्वपूर्ण है की आप जिस मुद्दे पर बात कर रहे हैं उसका हल ढूंढने का प्रयत्न करें. आपको अगले की बात को रखते हुए बीच का रास्ता निकलना चाहिए जिससे बिना किसी मतभेद के बात ख़त्म हो जाए.
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