भारत की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर सेवा कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने पिछले पांच वर्षों में अमेरिका में 20,000 से अधिक कर्मचारियों को काम पर रखा है. कंपनी ने 2019-20 की सालाना रिपोर्ट में यह कहा है. कंपनी ने कहा कि इससे कार्य वीजा पर उसकी निर्भरता कम हुई है और कारोबार का जोखिम भी कम हुआ है.
टीसीएस के कार्यकारी उपाध्यक्ष एवं वैश्विक प्रमुख (मानव संसाधन) मिलिंद लक्कड़ ने कहा, "हमारा वितरण मॉडल पिछले कुछ वर्षों में विकसित हुआ है. हमने अमेरिका में पिछले पांच वर्षों में 20,000 से अधिक कर्मचारियों को काम पर रखा है. हर साल हम सैकड़ों नए इंजीनियरिंग स्नातकों को नियुक्त करते हैं और उन्हें नयी तकनीकों पर प्रशिक्षित करते हैं."
लक्कड़ ने कहा कि इन सभी कदमों ने टीसीएस की कार्य वीजा पर निर्भरता पिछले पाचं साल में कम की है.
कंपनी की सालाना रिपोर्ट के अनुसार, 2019-20 में उसके 1,56,949 करोड़ रुपये के कुल राजस्व में अमेरिका का योगदान 52.2 प्रतिशत रहा. यूरोप ने राजस्व में 30.6 प्रतिशत योगदान दिया. भारत और ''अन्य'' क्षेत्रों ने क्रमशः 5.7 प्रतिशत और 11.5 प्रतिशत का योगदान दिया.
टीसीएस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) एवं प्रबंध निदेशक (MD) राजेश गोपीनाथन ने वार्षिक रिपोर्ट में अपने संदेश में कहा कि सिक्योर बॉर्डरलेस वर्कस्पेसेज से टीसीएस के उपभोक्ताओं को जीवन की बेहतर गुणवत्ता का आनंद लेने में मदद मिलती है. यह सेवा वितरण को अधिक लचीला बनाता है. उन्होंने कहा कि उपभोक्ता इस मॉडल के साथ सहज हैं.
कोरोनावायरस महामारी के चलते इस साल कंपनी की सालाना आम बैठक 11 जून को होगी.