ताजमहल के भीतर 22 'बंद दरवाज़ों' पर जारी विवाद के बीच कमरों की तस्वीरें आईं सामने

एएसआई ने 9 मई को अपने जनवरी 2022 न्यूज़लेटर को ट्वीट किया था. इस ट्वीट में कमरों की कुछ तस्वीरें जारी की गई. दरअसल इन बंद कमरों में रेनोवेशन का काम किया गया था. एएसआई के अनुसार, ये तस्वीरें उस दौरान ली गई थीं.

ताजमहल के भीतर 22 'बंद दरवाज़ों' पर जारी विवाद के बीच कमरों की तस्वीरें आईं सामने

ये तस्वीरें एएसआई की वेबसाइट पर भी उपलब्ध हैं.

लखनऊ:

ताजमहल के जिन बंद 22 कमरों को लेकर इन दिनों विवाद हो रहा है, उन तहखाने की तस्वीरें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने जारी की है. इन कमरों को खोलने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई से तीन दिन पहले ये तस्वीरे जारी की गई थी. एएसआई ने 9 मई को अपने जनवरी 2022 न्यूज़लेटर को ट्वीट किया था. इस ट्वीट में कमरों की कुछ तस्वीरें जारी की गई. दरअसल इन बंद कमरों में रेनोवेशन का काम किया गया था. 

एएसआई के अनुसार, ये तस्वीरें उस दौरान ली गई थीं. जब साल 2022 में इनकी मरम्मत की गई थी. ये तस्वीरें एएसआई की वेबसाइट पर भी उपलब्ध हैं.

वहीं हाल ही में कोर्ट ने इन कमरों को खोलने वाली याचिका को खारिज किया था. आगरा में भाजपा के युवा मीडिया प्रभारी रजनीश सिंह ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के समक्ष एक याचिका दायर कर एएसआई को ताजमहल के 22 बंद दरवाजों की जांच करने का निर्देश देने की मांग की थी. ताकि यह पता लगाया जा सके कि हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं या नहीं. सिंह ने दावा किया कि ताजमहल के बारे में झूठा इतिहास पढ़ाया जा रहा है, और इसलिए सच्चाई का पता लगाने के लिए दरवाजे खोले जाने चाहिए.

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने ताजमहल के 'सच' को सामने लाने के लिए ‘तथ्यान्वेषी जांच' की मांग करने वाली और इस वैश्विक धरोहर परिसर में बनें 22 कमरों को खुलवाने का आदेश देने का आग्रह करने वाली याचिका को बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया था. न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने याचिका पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अदालत लापरवाही भरे तरीके से दायर की गई याचिका पर भारत के संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत आदेश पारित नहीं कर सकती है.

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