वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने शुक्रवार को राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ बजट 2023 के प्रारूप पर 3 घंटे से ज्यादा चर्चा की.इस दौरान राज्यों ने वित्त मंत्री के सामने अपनी कई मांगों को रखा. राज्यों की मांग है कि राज्यों को विकास योजनाओं के लिए ज़्यादा फंड दिया जाए और बुनियादी ढांचे के विकास का पैसा बढ़ाया जाए. केंद्रीय योजनाओं पर अमल के लिए फंड में केंद्रीय हिस्सेदारी बढ़ाई जाए. साथ ही राज्यों की वित्तीय स्वायत्तता बहाल की जाए.
कुछ राज्यों ने जीएसटी कंपनसेशन की बकाया राशि जल्द देने की मांग की. NDTV की ओर पूछे जाने पर पूर्व बजट कंसल्टेशन मीटिंग में उद्योग जगत ने वित्त मंत्री से बजट 2023 में पर्सनल इनकम टैक्स रेट और जीएसटी दोनों को रेशनलाइज करने की मांग रखी है. इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, "बहुत सारी आम जरूरत की चीजें हैं, जिस पर GST रेट बहुत ज्यादा है जिसका नुकसान आम आदमी को उठाना पड़ता है. जीएसटी रेट में 1000 से ज्यादा बार संशोधन किया जा चुका है. इसे रेशनलाइज करना जरूरी है.
बैठक में बिहार के वित्त मंत्री ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग रखी है. बिहार के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने NDTV से कहा, "मैंने वित्त मंत्री के साथ पूर्व बजट कंसल्टेशन बैठक में मांग की है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए. बिहार के पास कोई अहम संसाधन नहीं है, बिहार एक गरीब प्रदेश है और उसके लिए बजट 2023 में वित्त मंत्री को विशेष राज्य का दर्जा देने का ऐलान करना चाहिए".
एनडीटीवी से विशेष बातचीत में वित्त राज्य मत्री भागवत कराड ने कहा वित्त मंत्री ने भरोसा दिलाया है कि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार होगा. भागवत कराड ने NDTV से कहा, "वित्त मंत्री ने सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को यह आश्वासन दिया है कि उनकी तरफ से उठाए गए हर मुद्दे पर वित्त मंत्रालय गंभीरता से विचार करेगा. राज्यों के वित्त मंत्रियों ने स्वास्थ्य, एग्रीकल्चर, इंडस्ट्री समेत कई अहम सेक्टरों में विकास कैसे बढ़ाया जाए इसके लिए अपनी बात रखी".
वित्त मंत्री ने राज्यों के वित्त मंत्री के साथ बजट 2023 पर बैठक ऐसे समय पर की है जब अंतराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर मंदी का साया गहराता जा रहा है और इसके भारतीय अर्थव्यस्था की रफ़्तार पर पडने वाले असर को लेकर आशंका बढ़ती जा रही है. अब देखना महत्वपूर्ण होगा की वित्त मंत्री राज्यों की तरफ से राखी गए मांगों से बजट 2023 में कैसे निपटती हैं.
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