"यह समझदारीपूर्ण विचार है", कानून मंत्री ने HC के पूर्व जज के इंटरव्यू क्लिप को शेयर करते हुए SC पर बोला हमला

न्यायाधीशों की नियुक्ति पर सरकार और न्यायपालिका के बीच विवाद ने रविवार को एक तीखा मोड़ ले लिया. केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने एक पूर्व न्यायाधीश द्वारा की गई टिप्पणियों का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट पर हमला बोला.

विज्ञापन
Read Time: 20 mins
किरेन रिजिजू ने एक पूर्व न्यायाधीश द्वारा की गई टिप्पणियों को "समझदार" बताया है.

न्यायाधीशों की नियुक्ति पर सरकार और न्यायपालिका के बीच विवाद ने रविवार को एक तीखा मोड़ ले लिया. केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने एक पूर्व न्यायाधीश द्वारा की गई टिप्पणियों का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट पर हमला बोला. उन्होने दिल्ली कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर एस सोढ़ी के इंटरव्यू के वीडियो क्लिप को शेयर करते हुए लिखा कि यह समझदारी पूर्ण विचार हैं. बताते चलें कि  देश के कई अहम फैसले सुनाने वाले और दिल्ली उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश आरएस सोढ़ी ने लॉस्ट्रीट भारत यूट्यूब चैनल के साथ एक साक्षात्कार में कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने संविधान को हाईजैक किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हम खुद न्यायाधीशों की नियुक्ति करेंगे. इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं होगी. संविधान के अनुसार, उच्च न्यायालय सर्वोच्च न्यायालय के अधीन नहीं हैं. दोनों स्वतंत्र हैं, लेकिन उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय की तरफ देखने लगते हैं और एक तरह से अधीन हो जाते हैं.

इसका कारण यह है कि सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का कॉलेजियम उच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त करता है और यही उनके ट्रांसफर-पोस्टिंग भी करता है. इसके चलते उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय की तरफ देखते रहते हैं. संविधान के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के अपने दायरे हैं और हाई कोर्ट अपने दायरे हैं."

Advertisement

"वे खुद को समझते हैं संविधान से ऊपर"

किरेन रिजिजू ने अपने ट्विटर हैंडल पर साक्षात्कार की क्लिप पोस्ट करते हुए लिखा, "एक जज की नेक आवाज : भारतीय लोकतंत्र की असली खूबसूरती इसकी सफलता है. जनता अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से स्वयं शासन करती है. चुने हुए प्रतिनिधि लोगों के हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं और कानून बनाते हैं. हमारी न्यायपालिका स्वतंत्र है, लेकिन हमारा संविधान सर्वोच्च है. उन्होंने कहा, "वास्तव में, अधिकांश लोगों के समान विचार हैं. यह केवल वे लोग हैं, जो संविधान के प्रावधानों और लोगों के जनादेश की अवहेलना करते हैं और सोचते हैं कि वे भारत के संविधान से ऊपर हैं."

Advertisement

लंबे समय से चली आ रही असहमति

न्यायपालिका और सरकार के बीच लंबे समय से चली आ रही असहमति में यह बयान नवीनतम है, जो हाल के महीनों में तेज हो गया है. रिजिजू से लेकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की टिप्पणियों से, न्यायाधीशों की नियुक्ति पर अंतिम फैसला करने वाले कॉलेजियम पर दबाव बढ़ गया है. सरकार ने न्यायाधीशों की नियुक्ति में एक बड़ी भूमिका का आह्वान किया है, और अपनी वीटो शक्ति की कमी पर सवाल उठाया है. 

Advertisement

यह भी पढ़ें-

जजों की नियुक्ति को लेकर SC कॉलेजियम ने कानून मंत्रालय को नोट लिखकर भेजा, बाध्यता याद दिलाई

जजों की नियुक्ति : SC कॉलेजियम ने उठाया ऐतिहासिक कदम, RAW और IB रिपोर्ट को भी किया सार्वजनिक

जजों की नियुक्ति वाले पैनल में अपने प्रतिनिधि चाहता है केंद्र : सूत्र

"3 दिनों में 44 जजों के नाम भेजेंगे": विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट में केंद्र का जवाब

Featured Video Of The Day
Maharashtra Exit Poll: महायुति करेगी वापसी या MVA को मिलेगी सत्ता? | City Center