महाराष्ट्र में स्वतंत्रता दिवस और जन्माष्टमी पर मीट की बिक्री रोकने के फैसले से राजनीतिक विवाद तेज हो गया है सत्ताधारी दल इसे सामाजिक आस्था और परंपरा से जोड़ते हैं जबकि विपक्ष इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर हमला बता रहा है असदुद्दीन ओवैसी और सुप्रिया सुले ने मीट बैन को वोट बैंक की राजनीति और खान-पान की आज़ादी पर चोट बताया है